देश में 12 अगस्त को मनाया जायेगा रक्षाबंधन का त्योहार : भद्रा में काल में राखी बांधना होगा अनिष्टकारी, जानें शुभ मुहूर्त
देश। रक्षाबंधन भाई बहनों का एक खास त्योहार हैं। यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार रक्षाबंधन को लेकर लोग काफी उलझन में है। कुछ जगहों पर गूगल में सर्च करने पर 11 तारीख को रक्षाबंधन का त्योहार बताया जा रहा है, तो कुछ 12 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व बता रहे हैं। काशी विश्व पंचांग से की गई गणना के आधार पर बताया कि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा की शुरुआत हो रही है, यह दूसरे दिन यानि 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। पंचाग की गणना के आधार पर यह स्पष्ठ है कि राखी 12 अगस्त ही मनाई जाएगी। इसके पीछे ज्योतिष विद्वानों का तर्क है कि 11 अगस्त की रात में 8 बजकर 34 मिनट तक भ्द्रा काल है। भद्रा काल की समाप्ति रात में हो रही है, इस कारण से रात में रक्षा बंधन नहीं मनाया जाएगा। रक्षा बंधन में उदया तिथि का ही विशेष महत्व है। ऐसे में उदया तिथि 12 अगस्त को ही पड़ रही है। ज्योतिष विद्वान का कहना है कि प्रात: कालीन का जो समय मिल रहा है, सुबह सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजकर 25 मिनट के बाद पूर्णिमा समाप्त हो रही है। इस बीच में रक्षा बांधने का मुहूर्त काफी शुभ और सौभाग्य दायक है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि 12 अगस्त से पंचक भी शुरु हो रहा है, ऐसे में 12 अगस्त को सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक ही रक्षा बंधन किया जाना शुभ एवं विशेष फलदायक होगा।
ज्योतिष शास्त्रों में क्या होता हैं भद्रा का प्रभाव
रक्षा बंधन का पर्व मुहूर्त और नक्षत्र के हिसाब से ही मनाया जाता है। रक्षा बंधन और होलिका दहन को लेकर निर्णय सिंधु में साफ वर्णित है कि इस पर भ्रदा नहीं होना चाहिए। भद्रा में होलिका दहन और रक्षा बंधन को पूरी तरह से वर्जित किया गया है। भद्रा में ऐसा करने से क्षति होती है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि राखी परम्परा सदियों से चलती चली आ रही है। पूर्व में ब्राह्मण द्वारा इसे बाधा जाता था, लेकिन बाद में बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा बांधने की प्रथा आई। रक्षा बंधन को लेकर श्लोक में साफ कहा गया है कि अगर भद्रा में कोई ब्राह्मण राजा को राखी बांधता है तो राजा की मृत्यु तक हो सकती है। ऐसे अनिष्ट से बचने को लेकर बहनों को भद्रा का विशेष ध्यान देना होगा।
रक्षा बंधन 2022 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ :11 अगस्त 2022,सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन : 12 अगस्त 2022, सुबह 07 बजकर 06 मिनट पर
रक्षाबंधन में भद्रा काल प्रारंभ :11 अगस्त 2022, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
रक्षाबंधन भद्रा काल समापन :11 अगस्त 2022, रात 8 बजकर 51 मिनट पर
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त : 11 अगस्त, 2022 को 08:51 अपराह्न से रात 09:12 तक
अभिजीत मुहूर्त : 12 अगस्त 2022, सुबह 11 बजकर 59 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट पर
शुभ चौघड़िया समय : 12 अगस्त 2022, दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 02 बजकर 05 मिनट तक