पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ में बेटे के अंतिम संस्कार करने के बाद पिता की भी मौत, सात दिन से चल रहे थे बीमार, बीडीओ ने दिया ये निर्देश

पश्चिम चंपारण। जिले के मैनाटांड़ में एक मार्मिक घटना सामने आई है। बेटे के अंतिम संस्कार के बाद पिता की मौत हो गई। एक ही घर से दो मौतों के बाद गांव में दहशत का माहौल है। मामला मैनाटांड़ थाना क्षेत्र के बेलवाटोला गांव का है।
बेलवाटोला गांव का सतीश शर्मा 35 वर्षीय बढ़ई मिस्त्री का काम करने के लिए नेपाल के काठमांडू गया था।

लॉकडाउन लगने के कारण वह नेपाल से वापस अपने ससुराल योगापट्टी गांव पहुंचा, जहां पर उसकी तबीयत खराब हो गई। इलाज कराने के लिए बेतिया निजी नर्सिंग होम पहुंचा, जहां उसका इलाज किया गया। घर आने पर उसे खांसी-सर्दी व बुखार और सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने लगी थी। योगपट्टी पीएचसी में गुरुवार को कोविड-19 की जांच कराई गई, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही गुरुवार को घर पर जाने के बाद स्थिति नाजुक हो गई और देर शाम में मौत गई। मौत की खबर सुनते ही परिजन आनन-फानन में योगापट्टी गांव पहुंचकर शव को लेकर अपने गांव बेलवा टोला आए और शुक्रवार को दाह संस्कार किया।

सतीश का दाह संस्कार कर घर आने के बाद उसके पिता लालबहादुर शर्मा 70 वर्षीय की भी मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार, लाल बहादुर शर्मा पिछले सात दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें भी खांसी, सर्दी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ थी। वे निजी नर्सिंग होम से दवा करा रहे थे।

दो दिनों के अंदर बेटे और बाप की मौत को लेकर गांव में जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिल रही हैं। लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। कोरोना से मौत की चर्चा पर लोग डरे हुए हैं। हालांकि दोनों में से किसी की जांच नहीं हुई थी, लेकिन पूरे लक्षण कोरोना के थे।
लाल बहादुर शर्मा को छह लड़के थे, जिनमें सतीश शर्मा तीसरे नंबर पर थे। सतीश शर्मा को एक लड़की और दो लड़के हैं। उनकी पत्नी रीमा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। मामले की जानकारी मिलते ही बीडीओ राज किशोर प्रसाद शर्मा ने बेलवा टोला गांव में कैंप लगाकर कोविड-19 की जांच करने का निर्देश दिया है।

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