पटना हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता से अपराधियों ने मांगी 10 लाख की रंगदारी, मामला दर्ज, पुलिस की जांच जारी

पटना। राजधानी पटना में हाल के दिनों में अपराध और रंगदारी के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अब तक अपराधी व्यवसायियों और डॉक्टरों को निशाना बनाकर उनसे पैसे की मांग करते थे। लेकिन अब अपराधियों ने अधिवक्ताओं को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इस घटना से कानून और न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों में भी भय का माहौल बन गया है। ताजा मामला पटना हाईकोर्ट की अधिवक्ता बंदना सिंह से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि बंदना सिंह को मंगलवार देर रात कुछ स्थानीय लोगों ने दस लाख रुपये की रंगदारी देने की धमकी दी। यही नहीं, रंगदारी न देने पर उनकी जान लेने की धमकी भी दी गई। अधिवक्ता बंदना सिंह ने इस संबंध में महिला समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। घटना के बारे में बताते हुए बंदना सिंह ने कहा कि उनका घर कंकड़बाग कॉलोनी के पास स्थित है। इस क्षेत्र में एक स्लम बस्ती है, जहां रहने वाले कुछ लोगों ने उनसे रंगदारी मांगी है। इन लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए, तो उनके जीवन को खतरे में डाल दिया जाएगा। इस गंभीर मामले को लेकर बंदना सिंह ने तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज करवाया। पटना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सभी संभावित पहलुओं पर काम किया जा रहा है। पुलिस ने यह भी बताया कि बंदना सिंह द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर नामजद लोगों को जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा। यह घटना न केवल अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजधानी में अपराधियों का साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे अब कानूनी विशेषज्ञों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचकिचा रहे। पटना जैसे बड़े शहर में जहां हाईकोर्ट मौजूद है, वहां अधिवक्ताओं को धमकाने की घटना अपने आप में बेहद चौंकाने वाली है। इस मामले ने एक बार फिर से कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पटना पुलिस और प्रशासन ऐसे मामलों को रोकने में सक्षम है? क्या कानूनी पेशे से जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब आम जनता जानना चाहती है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधी अब अपने गंतव्य बदल रहे हैं। पहले वे व्यवसाइयों और डॉक्टरों को धमकाते थे, लेकिन अब उनकी नजर अधिवक्ताओं पर भी है। यह समाज के लिए एक चिंता का विषय है। आवश्यक है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करें और पीड़िता को न्याय दिलाएं। साथ ही, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समुचित कदम उठाए जाएं ताकि अपराधियों के मनोबल को कम किया जा सके। बंदना सिंह के मामले में पुलिस की तत्परता और कार्रवाई की सफलता ही अन्य अधिवक्ताओं और आम नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास बहाल कर सकती है।
