गया में कचरे में ढेर में विस्फोट से सनसनी, दो बच्चे ज़ख़्मी

गया। बुधवार को बिहार के गया जिले में कचरे के ढेर में हुए विस्फोट से इलाके में सनसनी फैल गई। यह हादसा कोतवाली थाना क्षेत्र के तेलबीघा डाक स्थान पर हुआ। धमाके की चपेट में आने से दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट तब हुआ, जब बच्चे कचरा चुन रहे थे और कचरे में मिली एक संदिग्ध थैली को जमीन पर पटका। हादसे में घायल बच्चों की पहचान 10 वर्षीय बादल कुमार और 15 वर्षीय लक्ष्मण कुमार के रूप में हुई है। ये दोनों स्वर्गीय रंजन कुमार के बेटे हैं। विस्फोट के कारण बादल कुमार का एक हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया, जबकि लक्ष्मण कुमार को भी गंभीर चोटें आईं। दोनों घायलों को पहले जेपीएन अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। धमाके के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल को घेरकर जांच शुरू की। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय निवासियों के अनुसार, दोनों बच्चे कचरा चुनने के दौरान कचरे के ढेर में कुछ खोज रहे थे। इसी बीच, उन्हें एक थैली मिली जिसे उन्होंने जमीन पर पटका, और अचानक जोरदार धमाका हो गया। विस्फोट इतना तेज था कि आसपास के लोग भी आवाज सुनकर डर गए। धमाके का स्रोत स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि थैली में विस्फोटक सामग्री हो सकती है। पुलिस और फॉरेंसिक टीम इसकी जांच कर रही है कि यह कोई पटाखा था, देसी बम था, या किसी अन्य प्रकार का विस्फोटक। धमाके के बाद कोतवाली थाना की पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने इलाके को घेर लिया और कचरे के ढेर की गहन जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में पुलिस को कचरे के ढेर में कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कचरे में विस्फोटक सामग्री कैसे पहुंची। स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद से तेलबीघा और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है। इस घटना ने न केवल बच्चों और उनके परिवारों को, बल्कि पूरे क्षेत्र के निवासियों को झकझोर दिया है। लोगों का कहना है कि कचरे के ढेर में विस्फोटक सामग्री का मिलना बेहद चिंताजनक है। प्रशासन को इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। घायलों के इलाज के लिए प्रशासन और चिकित्सा विभाग ने तत्परता दिखाई। दोनों बच्चों का प्राथमिक इलाज जेपीएन अस्पताल में किया गया, जहां से उन्हें मगध मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, दोनों बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है। नगर निगम को निर्देश दिया गया है कि कचरा प्रबंधन के तहत संवेदनशील इलाकों में नियमित रूप से सफाई और निगरानी की जाए। गया में हुए इस हादसे ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कचरा प्रबंधन और निगरानी में सुधार की जरूरत है। यह घटना चेतावनी है कि लापरवाही कितनी घातक हो सकती है। प्रशासन, पुलिस और नगर निगम को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। स्थानीय निवासियों को भी जागरूक होना होगा और संदिग्ध वस्तुओं की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी होगी। घायल बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना के साथ, सभी की जिम्मेदारी है कि इस मामले से सबक लेकर सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
