दवाओं की मनमानी कीमत और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, मुख्य सचिव समेत 6 सदस्य टीम करेगें निगरानी

पटना। राज्य समेत राजधानी पटना में दवाओं की कालाबाजारी और मनमानी कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देश के बाद मूल्य अनुश्रवण एवं संसाधन इकाई का गठन कर दिया है। वही गठन के साथ ही कमेटी को प्रभावी भी कर दिया गया है। वही PMRU की अध्यक्षता का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंपा गया है। अमृत के अलावा इकाई में 6 सदस्य भी मनोनीत किए गए हैं। यह इकाई औषधि नियंत्रण निदेशालय के तहत काम करेगी।
PMRU गठित करने वाला बना 15वां राज्य
बता दे की केंद्र सरकार के स्तर पर सभी राज्यों को दवाओं की कीमतों और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए राज्य स्तर पर मूल्य अनुश्रवण और संसाधन इकाई गठन का जिम्मा दिया गया था। बिहार देश का15वां राज्य है जहां यह इकाई गठित की गई है। विभाग के सूत्रों ने बताया इकाई का गठन कुछ समय पूर्व ही हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार के आर्थिक सहयोग के अभाव में कमेटी ने काम करना शुरू नहीं किया था। विभाग को उम्मीद है कि इकाई के संचालन के लिए दिसंबर महीने के मध्य तक केंद्रीय सहायता प्राप्त होने की उम्मीद है।
40 हजार से अधिक खुदरा दवा विक्रेता
PMRU के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद राज्यभर में दवाओं की दुकान इस इकाई के रडार पर होंगी। इकाई यह सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ताओं को सही कीमत पर दवाओं की आपूर्ति हो रही है। साथ ही दवाओं के बड़े कारोबारियों पर भी इकाई की नजर रहेगी। ताकि दवाओं की कालाबाजारी संभव न होने पाए। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 40 हजार से अधिक खुदरा दवा विक्रेता हैं। दवा दुकानदार मनमाने दाम पर दवाएं बेचते हैं। उपभोक्ता जानकारी होने के बाद भी कीमतों को लेकर बहुत हील हुज्जत से बचते हैं। लेकिन PMRU के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद ऐसा करने पर मामूली शिकायत मिलने पर PMRU संबंधित दवा दुकानदारों पर कार्रवाई करने को स्वतंत्र होगी।

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