September 16, 2025

पटना में आज से चलेगा विशेष अतिक्रमण अभियान, सरकारी जमीनों से हटेगा अवैध कब्जा, प्रशासन का बुलडोजर तैयार

पटना। राजधानी में शनिवार की सुबह से ही बुलडोजर चलाने की तैयारी है। सरकारी जमीन पर पक्का-कच्चा मकान बना कर बैठे लोगों के कब्जे से जमीन मुक्त कराने का आदेश उपर से आया है। इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का अभियान दीघा से लेकर कलेक्ट्रेट घाट तक चलेगा। इस इलाके में गंगा पथ से लेकर नदी पर बने जमींदारी बांध के बीच बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। कई लोगों ने तो पक्का मकान बना लिया है। जबकि ये सारी जमीन सरकारी है। सरकार ने इस इलाके में सारे अस्थायी, स्थायी संरचनाओं को ध्वस्त करने और जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने का आदेश दिया है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली है। पटना के अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) ने 15 एवं 16 फरवरी के लिए दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्त की है। गंगा नदी किनारे गेट नंबर 93 से उत्तर जंगलीपीर तक चलाए जाने वाले इस बड़े अभियान के लिए पाटलिपुत्र के अंचल अधिकारी और पटना सदर के राजस्व पदाधिकारी को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। उनके साथ नगर निगम के कार्यपालक अधिकारी, टास्क फोर्स और बड़ी संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है। जिला प्रशासन को आशंका है कि सरकारी जमीन पर पक्का और कच्चा मकान बना कर कब्जा करने वाले अतिक्रमण हटाने का विरोध कर सकते हैं। लिहाजा, बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गयी है। दो दिनों के इस अभियान के दौरान अमीन और राजस्व कर्मचारी को भी वहां मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। ताकि अगर कोई व्यक्ति किसी जमीन पर दावा करता है तो उसी समय नापी कराने के साथ साथ कागजातों की जांच पड़ताल की जा सके। किसी को मामले को लटकाने और फंसाने का मौका नहीं मिले। पटना जिला प्रशासन की ओऱ से गंगा नदी किनारे की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की शुरूआत 13 फरवरी से की गयी थी। सरकार ने गंगा नदी किनारे असर्वेक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाने का फैसला लिया है। इसके तहत 13 फरवरी को कई पक्के मकान ध्वस्त कर दिए गए थे। पटना के डीएम ने गंगा नदी किनारे दीघा से कंगनघाट तक अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है।  उन्होंने कहा है कि गंगा नदी की असर्वेक्षित भूमि पर किसी व्यक्ति का कोई दावा मान्य नहीं है। एनजीटी और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस इलाके में किसी तरह की संरचना का निर्माण नहीं किया जा सकता है। लिहाजा जिन्होंने निर्माण कराया है, उसे प्रशासन हटा रहा है। सरकार ने सैकड़ों एकड़ जमीन को मुक्त कराने के बाद आगे की भी तैयारी की है। इसके लिए वन विभाग को जिम्मा दिया गया है। खाली कराये गये इलाके में वन विभाग चहारदीवारी करायेगा और फिर उस जमीन पर पौधारोपण किया जायेगा। इसका उपाय किया जायेगा कि फिर से कोई सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं कर ले।

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