बिहार में चुनाव आयोग के कर्मचारियों का मानदेय बढ़ा, सरकार ने जारी की अधिसूचना
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत विभिन्न स्तरों पर चुनाव ड्यूटी निभाने वाले कर्मचारियों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। इस कदम को चुनावी कार्य में लगे कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने और उनकी मेहनत का उचित सम्मान देने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
पीठासीन अधिकारियों के मानदेय में बदलाव
मानदेय वृद्धि का सबसे बड़ा लाभ पीठासीन अधिकारियों को मिला है। पहले इन्हें प्रति दिन 350 रुपये मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब 500 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी चुनाव के दौरान उनके कार्यभार और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर की गई है।
मतदान अधिकारियों के लिए बढ़ी राशि
पोलिंग ऑफिसर के मानदेय में भी उल्लेखनीय इज़ाफा किया गया है। पहले इन्हें प्रति दिन 250 रुपये मिलते थे, लेकिन अब यह बढ़ाकर 400 रुपये कर दिए गए हैं। इस तरह 150 रुपये की बढ़ोतरी सीधे तौर पर उनके पारिश्रमिक में हुई है।
मतगणना सहायकों के लिए नई दरें
मतगणना कार्य में लगे सहायकों के मानदेय में भी संशोधन किया गया है। पहले उन्हें प्रति दिन 250 रुपये मिलते थे, जबकि अब यह राशि बढ़ाकर 450 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है। यह बदलाव मतगणना प्रक्रिया की जटिलता और लंबी अवधि को देखते हुए किया गया है।
चौथी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए लाभ
चौथी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए मानदेय की संरचना में भी परिवर्तन किया गया है। पहले इन्हें प्रति दिन 200 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इन कर्मचारियों को एकमुश्त 1000 रुपये दिए जाएंगे। यह बदलाव उनके कार्य के प्रकार और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर किया गया है।
अन्य अधिकारियों और कर्मियों के मानदेय में भी वृद्धि
पीठासीन और मतदान अधिकारियों के साथ-साथ, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सेक्टर अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मी, माइक्रो ऑब्जर्वर और अन्य चुनावी कार्यों में लगे कर्मियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनावी कार्य में शामिल हर स्तर के कर्मियों को उनके योगदान के अनुरूप उचित पारिश्रमिक प्राप्त हो।
भोजन और जलपान की दरों में भी संशोधन
चुनावी ड्यूटी के दौरान भोजन और जलपान की सुविधा भी एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने मतदान और मतगणना ड्यूटी में लगे कर्मियों के लिए भोजन और जलपान की दरों में भी इज़ाफा किया है। इससे ड्यूटी के दौरान कर्मियों की सुविधा और संतोष सुनिश्चित होगा।
निर्णय का प्रभाव
इस निर्णय से चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपने कार्य के प्रति और अधिक उत्साह और जिम्मेदारी के साथ योगदान देंगे। मानदेय में वृद्धि न केवल उनकी मेहनत को मान्यता देती है, बल्कि यह चुनावी प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने में भी मददगार साबित होगी। बिहार सरकार और चुनाव आयोग का यह कदम चुनावी कार्य के मानवीय पक्ष को समझते हुए उठाया गया एक सकारात्मक निर्णय है, जो आने वाले विधानसभा चुनावों में बेहतर और प्रेरित कार्यबल उपलब्ध कराने में सहायक होगा।


