दुर्दांत सरगना विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर को लेकर लग रही हैं अटकलें, स्थानीय मीडिया थी पहले से मौजूद

पटना।कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों का नरसंहार करने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी गिरफ्तारी नहीं बल्कि एक हद तक आत्मसमर्पण का रूप दिखती है।चर्चाओं के मुताबिक विकास दुबे आज महाकाल मंदिर परिसर में सरेंडर भी करने वाला था।इसलिए उसने स्थानीय मीडिया को भी समय पर बुला रखा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब विकास दुबे को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया।तब वह स्थानीय मीडिया को देखकर चिल्लाता रहा मैं हूं विकास दुबे… मैं हूं विकास दुबे….। कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों के नरसंहार करने के बाद विकास दुबे फरार था।यूपी पुलिस की एसटीएफ उसे चप्पे-चप्पे पर तलाश रही थी।चर्चा तो यह भी थी कि विकास दुबे के मिलते के साथ उसका एनकाउंटर हो जाएगा।मगर विकास दुबे सघन गिरफ्तारी अभियान को धता बताते हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुंच गया।खास बात तो यह है कि कुख्यात ने अपने नाम से ही पूजा का पर्चा भी कटवाया था।मंदिर परिसर में सिक्योरिटी गार्ड के द्वारा पहचाने जाने के बाद उसकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया आरंभ हुई।लेकिन गिरफ्तारी को देखते हुए यही लगता है की विकास दुबे वहां सरेंडर करने के नियत से पहुंचा था।गिरफ्तारी के दौरान कुख्यात विकास के पास कोई हथियार भी नहीं था। गौरतलब यह है कि इस दौरान यह सरगना अकेले भी था,निहत्था भी था, मीडिया का भी पूरी तरह से इंतजाम था, गिरफ्तारी के कुछ मिनटों बाद ही वीडियो वायरल होने लगा।इतने सारे तथ्य इस प्रमाण के लिए काफी है की विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई है या उसने आत्मसमर्पण किया है।

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