पटना में नशेड़ियों ने व्यक्ति से की मारपीट, सिर फोड़ा, पैसे छीने, अस्पताल में भर्ती
पटना। दीघा थाना क्षेत्र स्थित मछली हटा के पास गुरुवार देर रात लगभग 2 बजे एक मारपीट की घटना हुई। राजीव नगर निवासी विशाल कुमार सिंह अपने एक रिश्तेदार के श्राद्ध कार्यक्रम से लौट रहे थे, तभी यह घटना घटी। विशाल का आरोप है कि रास्ते में नशे की हालत में मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की, सिर पर चोट पहुंचाई और लूटपाट की।
पीड़ित का आरोप
विशाल सिंह ने बताया कि उनके साथ मौजूद बदमाशों ने हथियार के बल पर गले से सोने की चेन और 5000 रुपये नकद छीन लिए। उनका कहना है कि हमला अचानक हुआ और उन्होंने बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण वे घायल हो गए। फिलहाल उन्हें सिर में आई चोट के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस का बयान और अलग दृष्टिकोण
घटना पर दीघा थानेदार संतोष सिंह का कहना है कि यह मामला लूट का नहीं, बल्कि नशे में हुई लड़ाई का है। पुलिस के अनुसार, देर रात विशाल सिंह थाने पहुंचे और ओडी पदाधिकारी को जानकारी दी कि मछली हटा के पास कुछ लोग लड़ाई-झगड़ा कर रहे हैं। सूचना मिलने पर पुलिस की गश्ती गाड़ी मौके पर भेजी गई।
मौके पर क्या हुआ
पुलिस के मुताबिक, गश्ती गाड़ी के पीछे-पीछे विशाल सिंह भी अपनी गाड़ी से वहां पहुंचे। जैसे ही पुलिस वहां पहुंची, विशाल अपनी गाड़ी से उतरकर उन लोगों के साथ उलझ गए। देखते ही देखते दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। पुलिस ने बीच-बचाव करने की कोशिश की और एक आरोपी को पकड़ लिया, जबकि अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए।
आरोपियों की स्थिति और गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, जो आरोपी पकड़ा गया, वह नशे में होने के कारण बेहोश हो गया था और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाकी आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि विशाल सिंह की ओर से अभी तक कोई लिखित शिकायत (आवेदन) नहीं दी गई है। आवेदन मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित और पुलिस के बीच बयानबाजी का अंतर
इस मामले में एक तरफ जहां पीड़ित लूट और मारपीट का आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस इसे नशेड़ियों के बीच हुई लड़ाई मान रही है। इससे घटनाक्रम पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वास्तव में यह लूटपाट का मामला था या नशे की हालत में हुआ विवाद।
आगे की प्रक्रिया
पुलिस का कहना है कि मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जाएगी। आवेदन मिलने पर लूट की धारा में मामला दर्ज हो सकता है, अन्यथा यह सिर्फ मारपीट और शराब सेवन के तहत ही दर्ज किया जाएगा। वहीं, पीड़ित की हालत में सुधार होने के बाद उनके बयान के आधार पर भी घटना की पुष्टि की जाएगी। यह घटना न केवल देर रात गश्त की आवश्यकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि नशे की हालत में होने वाले विवाद और लूट जैसे गंभीर अपराध के बीच अंतर कैसे तय किया जाए। फिलहाल पुलिस और पीड़ित के अलग-अलग दावों के कारण घटना की सच्चाई स्पष्ट होने में समय लगेगा।


