पटना में ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों ने रूट बंद कर किया सड़क जाम, डायवर्जन को लेकर विरोध, जाम में फंसे लोग
पटना। पटना में गुरुवार को ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चालकों ने जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए रूट परिवर्तन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान चालकों ने जंक्शन से सटे चिरैयाटांड़ पुल चढ़ने वाले जमाल रोड चौराहे पर रूट को पूरी तरह बंद कर दिया। इसके साथ ही वे अन्य चालकों को भी निर्धारित मार्ग से डायवर्ट करने लगे। अचानक हुए इस विरोध और रूट बंदी के कारण क्षेत्र में भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई, जिससे लोगों को घंटों सड़क पर फंसे रहना पड़ा। जाम में फंसे कई यात्री बेहद परेशान नजर आए। सुपौल से अपने परिवार के साथ पटना इलाज के लिए आए राहगीर धीरेंद्र किशोर झा ने बताया कि डॉक्टर के देखने का समय हो गया है, लेकिन पिछले एक घंटे से ऑटो नहीं मिल पा रहा है। सभी चालक रूट परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और यात्रियों को नहीं बैठा रहे हैं।विरोध कर रहे चालक गुलाम मोहम्मद मुस्तफा ने मीडिया को बताया कि चिरैयाटांड़ पुल की ओर से स्टेशन जाने वाले ऑटो को पुल के पास ही रोक दिया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्देश दिया गया है कि इन वाहनों को करबिगहिया घूमकर आर ब्लॉक जाना होगा। इसी तरह गांधी मैदान से आने वाले ऑटो को डाकबंगला चौराहे पर रोककर कोतवाली होते हुए मल्टी पार्क की ओर भेजा जा रहा है। वहीं, फुलवारी से आने वाले ऑटो को जीपीओ के पास रोककर यूटर्न दे दिया जा रहा है। चालकों का कहना है कि इन रूट परिवर्तनों के कारण स्टेशन जैसे प्रमुख यात्री केंद्र तक उनकी पहुंच बाधित हो गई है। जब वे स्टेशन तक पहुंच ही नहीं पाएंगे, तो यात्रियों को लाने-ले जाने का मौका कम हो जाएगा और उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ेगा। यही वजह है कि उन्होंने आज रूट को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रशासन उनके विरोध को गंभीरता से ले। इधर, अचानक हुए इस विरोध से शहर के कई हिस्सों में यातायात व्यवस्था चरमरा गई। खासतौर पर चिरैयाटांड़ पुल, जमाल रोड, डाकबंगला चौराहा और जीपीओ के आसपास लंबे जाम लग गए। कई लोग कार्यालय, अस्पताल और अन्य जरूरी कामों के लिए समय पर नहीं पहुंच पाए। सूचना मिलते ही ट्रैफिक पुलिस और कोतवाली थाना की टीम मौके पर पहुंची और जाम हटाने के प्रयास में जुट गई। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और यातायात को सुचारू करने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर वाहनों को डायवर्ट किया। यह विरोध इस बात का संकेत है कि रूट परिवर्तन से प्रभावित वर्गों को निर्णय से पहले पर्याप्त परामर्श और विकल्प नहीं दिए गए। अब देखना होगा कि प्रशासन और चालक समुदाय के बीच इस विवाद का समाधान कैसे निकलता है, ताकि शहर के यातायात और आमजन की परेशानी खत्म हो सके।


