राजद की नीति रामचरितमानस के अपमान की इजाजत नहीं देती, जगदानंद पार्टी छोड़कर चंद्रशेखर का समर्थन करें : शिवानंद तिवारी

पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी से महागठबंधन में तकरार बढ़ती जा रही है। वहीं आरजेडी के भीतर भी टकराव शुरू हो गया है। इस मामले को लेकर जगदानंद सिंह और शिवानंद तिवारी शुक्रवार को आमने-सामने आ गए थे। वहीं शनिवार को शिवानंद तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को यहां तक सलाह दे डाली है कि वह पार्टी को छोड़ दें। दरअसल राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह उनके साथ खड़े हो गए हैं तो राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने शिक्षा मंत्री के कथन को गलत कहा है। शिवानंद तिवारी ने कहा है कि हमारी पार्टी की नीति रामचरितमानस के अपमान की इजाजत नहीं देती। इस मामले में पार्टी की तरफ से चंद्रशेखर का समर्थन कर रहे हैं। व्यक्तिगत तौर पर बात समझ में आती लेकिन उन्होंने पार्टी की तरफ से समर्थन की बात कर डाली। शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा है कि इस मामले में पार्टी के अंदर कोई चर्चा नहीं हुई है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी जगदा बाबू ने कोई बातचीत नहीं की। इसके बावजूद पार्टी की तरफ से चंद्रशेखर के बयान का समर्थन कर दिया। शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि जगदा बाबू अगर पार्टी की नीतियों के साथ नहीं चल सकते तो उन्हें आरजेडी छोड़ देनी चाहिए। दरअसल शिवानंद तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का शुक्रवार को विरोध करते हुए उनके सामने ही कहा था कि इस मामले पर पार्टी के अंदर कोई चर्चा नहीं हुई है। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मंत्री चंद्रशेखर का बचाव करते हुए कल यह बयान दिया था कि पार्टी मजबूती के साथ चंद्रशेखर के समर्थन में खड़ी है। शिवानंद तिवारी ने इस मुद्दे को लेकर सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जाहिर करते हुए पार्टी मुख्यालय में जगदानंद सिंह के सामने कहा था कि रामचरितमानस पर आपत्ति जताने का पार्टी में कोई फैसला नहीं हुआ है।

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