मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला : बिहार में गंगा नदी पर बनेगा दीघा-सोनपुर जेपी सेतु के समान 6 लेन पुल, इन जिलों को होगा लाभ

नई दिल्ली। नववर्ष से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहारवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने पटना के दीघा से लेकर सोनपुर तक नये 6 लेन पुल की मंजूरी दे दी है। बता दे की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 3 हजार 64 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले इस पुल की मंजूरी दी गयी। मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस पुल का निर्माण 42 महीने में पूरा हो जायेगा। वही इस पुल के निर्माण से उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी व बेहतर होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस पुल से बौद्ध सर्किट भी पूरा होगा। बोधगया और राजगीर का वैशाली से संपर्क बेहतर होगा। बता दें कि दीघा-सोनपुर के बीच फिलहाल जेपी सेतु है जो 3 लेन का है। इसके सामानांतर नया पुल बनाने की कवायद काफी पहले से चल रही थी। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट से इस पुल को बनाने की मंजूरी दे दी। वही नए पुल को जेपी सेतु की दक्षिण की तरफ से गंगा एक्सप्रेसवे में जोड़ने के लिए अलग से 3.085 किमी की सड़क बनाई जाएगी। पुल निर्माण के लिए कुछ दिन पहले ही पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने मंजूरी दी थी।
सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज
बता दे की जेपी सेतु के समानांतर पटना-सारण जिला के बीच गंगा नदी पर 6.925 किमी का सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज बनाया जाएगा। इसमें गंगा पर 4.556 किमी का एक्स्ट्रा डोज केवल ब्रिज बनेगा। वहीं, पुल को सड़क से जोड़ने के लिए 2.369 किमी के एप्रोच रोड का भी निर्माण होगा। गंगा में बनने वाले ब्रिज में एक से दूसरे पिलर के बीच की दूरी 125 मीटर होगी। एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज का निर्माण इसलिए किया जाता है ताकि पिलर की संख्या कम हो। ऐसा करने से निर्माण कार्य में कम खर्च होती है और कम समय में पुल बनकर तैयार हो जाता है। जेपी सेतु के समानांतर बनने वाले इस सिक्स लेन एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज का निर्माण होने से उत्तर बिहार से पटना आने वाले लोगों को काफी फायदा होगा। जेपी सेतु के बाद यह एक और नया विकल्प हो जाएगा। वही इससे आना जाना काफी आसान हो जायेगा। ये पुल पटना को सारण, सीवान और गोपालगंज जैसे जिलों से सीधा जोड़ेंगे। फिलहाल वहां जेपी सेतु है, जिसके नीचे रेलवे लाइन और ऊपर सड़क है। रेल पुल के उपर बने सड़क पुल को अधिक चौड़ा करना नामुमिकन था। इसलिए जेपी सेतु 2 लेन का ही पुल बना।
