पटना के धोबी 1 मार्च से जाएंगे हड़ताल पर, नहीं धोएंगे नेताओं का कपड़ा, विपक्ष ने सरकार को घेरा
पटना। पटना के धोबियों ने 1 मार्च से किसी भी माननीय का कपड़े नहीं धोने का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि सभी धोबी घाटों का जीर्णोद्धार किया जाए। अगर जल्द इस पर काम शुरू नहीं हुआ तो सड़क पर उतरेंगे। उक्त घोषणा न्यू कैपिटल धोबी घाट संघ ने किया है। बता दें बेली रोड में हड़ताली मोड़ के पास स्थित 1914 में धोबी घाट का निर्माण कराया गया था। इस धोबी घाट पर तब से आज तक कपड़े धोए जाते हैं।
लंबे समय से कर रहे जीर्णोद्धार की मांग
संघ के महासचिव रामविलास प्रसाद ने कहा, लंबे समय से धोबी घाट के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पटना नगर निगम की 25वीं सशक्त समिति की बैठक 24 अगस्त 2018 को हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया था कि पटना के 6 धोबी घाटों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। टेंडर भी किया गया। 6 धोबी घाटों का आवंटन भी हो गया, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी आज तक एक भी घाट का जीर्णोद्धार नहीं किया गया। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007 में खुद यहां आकर इसके जीर्णोद्धार की बात कही थी।
1 मार्च से बंद कर देंगे नेताओं का कपड़ा धोना
रामविलास प्रसाद ने कहा, कई बार आंदोलन करने पर सरकार की तरफ से आदेश हुआ है, लेकिन बिहार का दुर्भाग्य है कि आज तक इनके आदेशों का पालन नहीं किया गया। राजधानी में लगभग 10 हजार कामगार अभी भी धोबी घाट की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसे दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस महीने के अंत तक धोबी घाटों के जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो 1 मार्च से मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्षदों के कपड़े धोने बंद कर दिए जाएंगे। साथ ही मार्च में ही बिहार विधानसभा के चालू सत्र अवधि में विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
इधर, इस मुद्दे पर राजद विधायक सुदय यादव ने कहा कि सरकार गलत कर रही है। धोबियों के लिए जल्द से जल्द घाटों की व्यवस्था करनी चाहिए, नहीं तो सदन में इस बात को ले जाएंगे। वहीं कांग्रेस की विधायक प्रतिमा दास ने कहा, सरकार धोबियों के साथ अन्याय कर रही है। यह महादलित समाज से आते इसलिए इनके साथ ऐसा हो रहा है। जब सबके लिए मकान बन रहे हैं तो उनके लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए।