चार वर्षीय स्नातक कोर्स के खिलाफ प्रदर्शन : छात्र संगठन आइसा ने किया विरोध, कहा- गरीब-मजदूर विरोधी है स्नातक कोर्स

पटना। छात्र संगठन आइसा ने आज पीयू के मुख्य द्वार के सामने बिहार में लागू हो रहे चार वर्षीय स्नातक कोर्स एवं पीयू में अंक के आधार पर नामांकन के खिलाफ एकदिवसीय धरना दिया। पीयू में जब से सीबीसीएस सिस्टम लागू किया गया है, तब से इनका यह विरोध जारी है। वही आइसा छात्र संगठन ने बिहार के राज्यपाल पर BJP एवं RSS के इशारे पर पर काम करने का आरोप लगाया है। साथ ही चार वर्षीय स्नातक कोर्स को गरीब मजदूर विरोधी बताया। वही इस धरने में मौजूद आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष विकाश यादव ने कहा कि चार वर्षीय स्नातक कोर्स बिना किसी राय विचार के बिहार के छात्र छात्राओं पर थोपा गया है। यह गरीब मजदूर विरोधी है। आनन-फानन में बिहार में लागू किया गया है। बिहार बोर्ड के छात्रों को कम अंक प्राप्त होता है तो वह पीयू में एडमिशन नहीं ले पाएंगे। CBSE से पढ़ने वाले बच्चे ही यहां पढ़ पाएंगे। एक समय था जब हम लोगों ने आंदोलन कर पीयू में प्रवेश परीक्षा को लागू किया था फिर आज इसे क्यों हटाया जा रहा है? आइसा पीयू सचिव कुमार दिव्यम एवं अध्यक्ष नीरज यादव ने संयुक्त रूप से कहा कि बिहार बोर्ड एवं CBSE बोर्ड का मार्किंग पैटर्न बिल्कुल भिन्न है। अब इंटर के अंक के आधार पर पीयू में नामांकन होने से CBSE के छात्रों की तुलना में बिहार बोर्ड के छात्र पिछड़ जाएंगे एवं पीयू में नामांकन लेने तथा बेहतर उच्च शिक्षा हासिल करने से छात्र छात्राएं वंचित हो जाएंगे। बिहार बोर्ड में पढ़ने वाले गरीब वंचित तबकों एवं सुदूर ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राओं के साथ यह भेदभाव उनके शिक्षा के अधिकार पर हमला है। हमारी मांग है कि चार वर्षीय स्नातक कोर्स वापस लिया जाए। वही इस धरना में आइसा राज्य अध्यक्ष विकाश यादव, सह सचिव कुमार दिव्यम, प्रीति कुमारी, नीरज यादव, आशीष राज, अनिमेष चंदन, अर्पित, साकेत कुमार, रविरंजन तिवारी, हेमंत कुमार, दिनकर कुमार, निशांत कुमार, पुनीत पाठक सहित दर्ज़नों छात्र-छात्राएं मौजूद थें।

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