बाढ़ : व्यवसायियों से रंगदारी टैक्स की मांग फिर पकड़ा जोर, व्यवसायियों में पुलिस के प्रति आक्रोश

गिट्टी-बालू व्यवसायी से मांगी 50 लाख की रंगदारी, पुलिस ने तीन को किया गिरफ्तार
बाढ़। बाढ़ अनुमंडल में रंगदारी टैक्स की मांग एक बार फिर शुरू हो गई है। एक के बाद एक नए मामले आ रहे हैं। ताजा मामला बेलछी प्रखंड के सकसोहरा थाना क्षेत्र के बिंद-बेलछी चौक के पास की है। बीते 18 जनवरी को कौशल कुमार नामक गिट्टी-बालू व्यवसाई से मोबाइल के द्वारा अपराधी ने 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगते हुए 20 जनवरी की संध्या गंतव्य स्थान पर पैसे लेकर आने को कहा। इसकी सूचना पुलिस को दिए जाने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। व्यवसायी ने मोबाइल पर बातचीत का रिकॉर्डिंग पुलिस को मुहैया कराया है।
सकसोहरा थानाध्यक्ष जितेंद्र राम ने मामले गंभीरता से लेते हुए बाढ़ थाना के सहयोग से कई ठिकानों पर छापामारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, साथ ही मोबाइल भी जप्त किए जाने की खबर है। घटना के बाद से उक्त व्यवसाय काफी डरे सहमे हुए है और पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। पीड़ित व्यवसायी कौशल कुमार ने बताया कि मोबाइल से धमकी दिया गया और पैसे की मांग की गई थी। जिसकी लिखित शिकायत थाने में की गई। वहीं पुलिस मामले पर चुप्पी साधे हुए है।

गल्ला व्यवसायी से बदमाशों ने मांगी पांच लाख की रंगदारी, व्यवसायियों में आक्रोश
बाढ़। थाना क्षेत्र के स्टेशन-बेढना रोड स्थित एक गल्ला व्यवसायी मोहन साव नामक व्यक्ति के पुत्र अंशु कुमार के मोबाइल पर बीते 19 जनवरी की शाम 5 बजे असामाजिक तत्व के मोबाइल संख्या-9631770723 से फोन आया और पिता से बात कराने को कहा गया। पिता ने जब बात की तो उसे प्रोटेक्शन टैक्स के रूप में 5 लाख रूपये की मांग की गई, जिसकी लिखित शिकायत पीड़ित ने बाढ़ थाना में की गई है।
सहायक थाना अध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की बात आई है। छापेमारी को लेकर अभी जानकारी नहीं दे सकता हूं, लेकिन जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
इधर, व्यवसायियों पर लगातार जानलेवा हमला और रंगदारी की मांग को लेकर व्यवसायियों में दहशत में है, साथ ही आगामी बुधवार को बाजार बंद करने की बात को लेकर बैठक भी करने की खबर है। व्यवसायी संघ के संरक्षक ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था के लिहाज से बेहद शर्मनाक बात है और इसको लेकर यदि पुलिस गंभीरता से काम नहीं की तो यह आंदोलन का रूप ले सकता है।

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