बिहार सरकार की नाकामी बयां कर रही गंगा में तैरती लाशें : कांग्रेस

पटना। रामराज्य का दावा करने वाली सरकारों में हिंदुओं के लाशों के सम्मानजनक रूप से अंतिम संस्कार भी संभव नहीं है। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहीं।
उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिले बक्सर के चौसा में जिस प्रकार गंगा नदी में हिंदुओं के लाशों का ढ़ेर लगा हुआ है, उससे ये स्पष्ट होता है कि राम के नाम पर सत्ता हथियाने वाली पार्टी ने सरकार बनते सबसे ज्यादा हिंदुओं को तिरष्कृत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि बक्सर, यूपी के गाजीपुर और बलिया जिले से अपनी सीमाओं को साझा करता है। ये लाशों के ढ़ेर ये बताने को काफी है कि बिहार में हुई मौतों के वास्तविक आंकड़ों को बताया नहीं जा रहा है।
राठौड़ ने कहा कि बिहार सरकार को हिन्दू लाशों के अंतिम संस्कार के लिए प्रत्येक पंचायत सदस्यों और सचिवों के साथ नगर के वार्ड पार्षदों और पुलिस की अभिरक्षा में ससम्मान अंतिम संस्कार कराने का आदेश जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार से अंतिम संस्कार की दर्दनाक तस्वीरें निकल के बाहर आ रही हैं। हाल में ही अररिया से बेटी का अपनी मां को दफनाने का फोटो वायरल हुआ था और अब बक्सर में अर्ध रूप से जले शवों का गंगा नदी में तैरते मिलना, यह स्पष्ट करता है कि मां गंगा के पुत्र होने का दावा करने वाले और हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वाले देश के प्रधानमंत्री से लेकर बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार को हिंदुओं के लाशों के साथ दुर्व्यवहार बंद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब गंगा नदी पर बसे एक जिले से ऐसा दृश्य आ रहा है तो अन्य जगहों पर क्या स्थिति होगी, साथ ही उन्होंने मांग किया कि सरकार को ससम्मान सनातनी परम्पराओं के तहत लकड़ी और अन्य जरूरी अंत्येष्टि की वस्तुओं को उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे अंतिम संस्कार सुचारू तरीके से हो सकें।

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