September 17, 2025

भागलपुर में मां ने बर्तन धोने को डांटा तो नाबालिक बेटी ने लगाई फांसी, दर्दनाक मौत

भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले के बरारी के बंगाली टोला से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक नाबालिग लड़की, जिसे उसकी माँ ने बर्तन धोने के लिए डांटा था, ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से परिजनों में शोक की लहर है और इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतका की पहचान ज्योति कुमारी के रूप में हुई है, जो मात्र 14 वर्ष की थी और आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उसके पिता केदार नाथ सिंह बरारी के बंगाली टोला निवासी हैं और गैस एजेंसी में डिलीवरी का काम करते हैं। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक ज्योति की मौत हो चुकी थी। मामला उस समय का है जब ज्योति की माँ, तारा देवी, ने शाम को उसे बर्तन धोने के लिए कहा। इस पर ज्योति ने आनाकानी की, जिससे नाराज होकर तारा देवी ने उसे डांट दिया। माँ की इस फटकार से आहत होकर ज्योति अपने कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया। परिवार के सदस्य इस बात से अनजान थे कि अंदर क्या हो रहा है। जब ज्योति काफी देर तक बाहर नहीं आई, तो परिजनों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। परिजनों ने दरवाजा तोड़ा और जो दृश्य उन्होंने देखा, वह उनके होश उड़ाने के लिए काफी था। ज्योति का शव कमरे में पंखे से लटका हुआ था। उसने अपने दुपट्टे का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली थी। इस दुखद घटना के बाद परिजन स्तब्ध रह गए और घर में कोहराम मच गया। मृतका के पिता केदार नाथ सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी तारा देवी ने शाम को ज्योति को बर्तन धोने के लिए डांटा था। इसी बात से नाराज होकर ज्योति ने यह कठोर कदम उठाया। उन्होंने कहा कि ज्योति आठवीं कक्षा की छात्रा थी और परिवार में सबसे छोटी बेटी थी। उसकी मौत ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डूबा दिया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स में यह साफ हो गया है कि आत्महत्या का कारण माँ की डांट से उपजी नाराजगी थी। यह दुखद घटना समाज के लिए एक बड़ा संदेश छोड़ती है। बच्चों के साथ संवाद में धैर्य और समझदारी की आवश्यकता होती है। छोटी-छोटी बातों पर कठोरता से पेश आना कभी-कभी ऐसे परिणाम दे सकता है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक संतुलन की कमी बच्चों के लिए कितनी घातक हो सकती है। ज्योति की मौत ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है और अब हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा, जिसने एक मासूम को अपनी जीवन लीला समाप्त करने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के बाद से परिवार और समाज के लोग शोक में डूबे हुए हैं और इसे एक बड़ी सीख के रूप में देख रहे हैं।

You may have missed