जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल हुए राहुल गाँधी, जातीय गणना को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना

- राहुल गांधी बोले- हमेशा दलितों को दबाया गया, मैं आगे उनको लीडरशिप की पोजीशन में देखना चाहता हूं, वे आगे आये
पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने दलित हित की कई बातें की और मोदी सरकार पर जमकर बरसे। मंच से राहुल गांधी ने मोदी सरकार को दलित विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि ‘देश में दलितों को प्रतिनिधित्व तो मिला है, लेकिन पावर स्ट्रक्चर में उन्हें भागीदारी नहीं मिली। ऐसे में इस प्रतिनिधित्व का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
‘मोदी सरकार नहीं चाहती है कि देश में जातीय गणना हो
बुधवार को राहुल गांधी ने जातीय गणना कराने की बात दोहराते हुए कहा कि, ‘मोदी सरकार नहीं चाहती है कि देश में जातीय गणना हो, लेकिन मैं चाहता हूं कि दलित, ओबीसी आदिवासी को उनकी भागीदारी मिले। लेकिन जाति जनगणना बिहार वाली नहीं, तेलंगाना वाली देखिए। राहुल गांधी ने हाथ में संविधान दिखाकर कहा- ‘आरएसएस और बीजेपी संविधान के सामने माथा टेकते हैं। पीछे इसे खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि दलित समुदाय के लोग लीडरशिप में आएं। देश के टॉप-10 कंपनियों के मालिक में दलित भी हो।’
लीडरशिप में दलित वर्ग के लोग आएं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत की संस्थाओं और शीर्ष कंपनियों में दलित समुदाय के लोगों की नेतृत्वकारी भूमिका को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह ऐसा दिन देखना चाहते हैं जब देश की हर संस्था और शीर्ष 10 कंपनियों में दलित वर्ग के लोग नेतृत्व करें। यह बयान भारत में सामाजिक समता और अवसरों की समानता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा सकता है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हैं। बावजूद इसके, ऐतिहासिक रूप से दलित समुदाय को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा है। हालांकि संविधान ने उन्हें समानता और आरक्षण का अधिकार दिया है, फिर भी नेतृत्वकारी पदों पर उनकी भागीदारी अपेक्षाकृत कम देखी जाती है। यदि देश की बड़ी कंपनियों और संस्थानों में दलित वर्ग के लोग नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हैं, तो इससे सामाजिक न्याय और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल उनके सशक्तिकरण में मदद मिलेगी, बल्कि देश की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होगी। राहुल गांधी का यह विचार समाज में समान अवसरों की आवश्यकता को दर्शाता है। सरकार और निजी क्षेत्र को इस दिशा में कदम उठाकर दलित समुदाय को अधिक अवसर देने चाहिए, ताकि वे भी देश के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें।
मीडिया में भी दलितों की भागीदारी नहीं
पटना के गांधी मैदान स्थित एसकेएम हॉल में जगलाल चौधरी जयंती समारोह में राहुल गांधी ने कहा कि, ‘मोदी ने 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपया माफ किया, इस लिस्ट में एक भी दलित नहीं है। मीडिया में दलितों की भागीदारी नहीं। मैं एक उदाहरण से समझता हूं ये मीडिया के मित्र हैं, इनकी बड़ी-बड़ी कंपनियां है। इनको हर स्टेट की सरकार विज्ञापन देती है। तो सीधा सरकार इनकी फंडिंग कर रही है।’
राहुल गांधी ने जातीय गणना पर दिया जोर
जातीय गणना बता देगा कि दलित, आदिवासी, जनरल वर्ग कौन है। फिर हम हिंदुस्तान के सारे संस्थान की लिस्ट निकालेंगे, फिर उसमें पता लगाएंगे कि उसमें असलियत में दलितों, ओबीसी की कितनी भागीदारी है। 90 लोग देश का बजट डिसाइड करते हैं। बजट का हर पैसा हर रुपए 90 लोग बांटते हैं। मैंने इनकी लिस्ट निकाली। 90 में से 3 दलित हैं। आपकी आबादी 16 फीसदी है। इन 90 में से जो 3 अफसर हैं, वो छोटे-छोटे विभाग में हैं। अंगर 100 रुपए केंद्र सरकार बजट में बांटती है तो एक रुपए की भागीदारी आपकी है।
दलित परिवार से थे जगलाल चौधरी
जगलाल चौधरी पासी समुदाय से थे। मेडिकल छात्र रहते हुए वो कांग्रेस से जुड़े। ताड़ी बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। आबकारी मंत्री रहते हुए उन्होंने बिहार में सबसे पहले शराबबंदी लागू की थी।
18 जनवरी को भी बिहार आए थे
19 दिनों में राहुल गांधी का ये दूसरा बिहार दौरा है। इससे पहले 18 जनवरी को पटना में राहुल गांधी संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसके साथ ही पार्टी के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की छी। यहां माउंटेन मैन के नाम से जाने जाने वाले दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी से राहुल ने मुलाकात की। इसके कुछ दिन बाद वो जेडीयू छोड़कर दिल्ली में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
