पटना में महिला से साइबर ठगी, स्कूल रिपोर्ट के नाम पर अपराधियों ने खाते से 1.20 लाख रुपए उडाये

पटना। बिहार की राजधानी पटना से सटे बिहटा में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक महिला से स्कूल रिपोर्ट के नाम पर 1.20 लाख रुपये ठग लिए गए। यह घटना साइबर अपराधियों की नई और खतरनाक रणनीति को उजागर करती है, जिसमें भोले-भाले नागरिकों को ठगने के लिए शिक्षा और तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। पीड़िता माधुरी देवी ने बताया कि 25 नवंबर को उनका बेटा स्कूल गया था। उसी दिन उनके पास एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को उनके बेटे के स्कूल का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि “बच्चे की परफॉर्मेंस रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।” उसने यह भी कहा कि समय की कमी के कारण रिपोर्ट भरने के लिए स्कूल आना मुश्किल होगा, इसलिए एक लिंक भेजा जा रहा है जिसे ओपन करके रिपोर्ट फॉर्म भरकर व्हाट्सएप पर भेज दें। माधुरी ने इसे एक सामान्य प्रक्रिया समझा और लिंक पर क्लिक किया। लिंक ओपन करने और फॉर्म भरने के बाद जैसे ही उन्होंने “ओके” का बटन दबाया, उनके मोबाइल पर बैंक से संदेश आया कि उनके खाते से 1.20 लाख रुपये काट लिए गए हैं। घबराई माधुरी देवी ने तुरंत अपने पति को इस घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है और ठगी के लिए उपयोग किए गए लिंक और कॉल करने वाले मोबाइल नंबर को ट्रेस कर रही है। यह घटना साइबर अपराधियों की बदलती रणनीतियों को दर्शाती है। अब वे लोगों की संवेदनशीलताओं और आवश्यकताओं का फायदा उठाकर उन्हें ठग रहे हैं। इस मामले में, अपराधियों ने स्कूल की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के नाम पर ठगी की। माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर सतर्क रहते हैं और ऐसी स्थितियों में किसी भी जानकारी को तुरंत साझा करने की कोशिश करते हैं। अपराधी इसी भावनात्मक जुड़ाव का फायदा उठाते हैं। इस घटना ने साइबर सुरक्षा में मौजूदा खामियों और लोगों की जागरूकता की कमी को उजागर किया है। बैंक और सरकारी संस्थान बार-बार लोगों को यह सलाह देते हैं कि अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें और न ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें। बावजूद इसके, ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर अपराध के मामलों में सबसे महत्वपूर्ण कदम जागरूकता है। यदि माधुरी देवी जैसे लोग यह समझ पाते कि स्कूल की जानकारी को केवल आधिकारिक स्रोत से ही प्राप्त किया जाना चाहिए, तो इस घटना को टाला जा सकता था। बैंकों और पुलिस को भी साइबर अपराध के मामलों में तेजी से कार्यवाही करने की आवश्यकता है। यदि पुलिस समय पर कॉल और लिंक को ट्रेस कर पाती है, तो अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, बैंकों को भी इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और संदिग्ध लेनदेन को रोकने के लिए मजबूत सिस्टम तैयार करना चाहिए। सरकार, स्कूलों और बैंकों को लोगों के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। साइबर अपराधियों को पकड़ने और सजा देने के लिए कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ऐसी तकनीक का उपयोग करना चाहिए, जो संदिग्ध लेनदेन को तुरंत रोक सके। स्कूलों और कॉलेजों को अपनी आधिकारिक प्रक्रियाओं के बारे में अभिभावकों को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए ताकि वे किसी भी अनधिकृत अनुरोध को पहचान सकें। पटना में हुई इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधियों की पहुंच बढ़ रही है और वे आम जनता को ठगने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न केवल सरकार और पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे, बल्कि आम नागरिकों को भी सतर्क और जागरूक रहना होगा। यह मामला केवल एक महिला से 1.20 लाख रुपये की ठगी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता अनिवार्य है।

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