December 17, 2025

भागलपुर में स्मार्ट मीटर के नाम पर साइबर ठगी, बैंक खाते से 7.18 लाख रुपए उडाये, नेटवर्क के नाम पर पैसे ठगे

भागलपुर। भागलपुर में स्मार्ट मीटर अपडेट के नाम पर साइबर ठगी की एक और बड़ी घटना सामने आई है, जिसने आम उपभोक्ताओं और व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। यह मामला न केवल एक व्यक्ति को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि साइबर अपराधी किस तरह नई-नई तरकीबों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। भागलपुर के भीखनपुर इलाके में रहने वाले अमरेश कुमार अमर, जो जीएन मुखर्जी रोड स्थित नया टोला में एक स्टेशनरी दुकान चलाते हैं, इस साइबर ठगी का शिकार बने। ठगों ने स्मार्ट बिजली मीटर अपडेट का झांसा देकर उनके बैंक खाते से कुल 7 लाख 18 हजार रुपये उड़ा लिए। पीड़ित ने इस संबंध में साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
ठगी की शुरुआत कैसे हुई
पीड़ित अमरेश कुमार के अनुसार, सुबह करीब 8:05 बजे उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का अधिकारी बताया। उसने बेहद आत्मविश्वास के साथ बात करते हुए कहा कि अमरेश के स्मार्ट बिजली मीटर का बिल अपडेट नहीं हो रहा है, जिसके कारण उनका बिजली कनेक्शन कभी भी प्रभावित हो सकता है। इस बात को सुनकर पीड़ित घबरा गए और कॉल करने वाले की बातों पर भरोसा कर बैठे।
मीटर अपडेट के नाम पर भ्रम का जाल
ठग ने मीटर अपडेट की प्रक्रिया को बहुत आसान और मात्र तीन मिनट में पूरी होने वाली बताई। उसने लगातार पीड़ित को बातचीत में उलझाए रखा ताकि उन्हें सोचने या किसी से सलाह लेने का मौका न मिले। इसी दौरान उसने ऑनलाइन पेमेंट और मोबाइल से जुड़ी जरूरी जानकारियां हासिल कर लीं। पीड़ित ने जब मीटर रिचार्ज करने की कोशिश की, उसी समय साइबर अपराधियों ने उनके मोबाइल तक पहुंच बना ली।
नेटवर्क और सर्वर की समस्या का बहाना
ठगी को अंजाम देने के दौरान साइबर शातिर ने कभी सर्वर स्लो होने तो कभी नेटवर्क प्रॉब्लम का बहाना बनाया। इन बहानों के जरिए वह पीड़ित को भ्रम में रखता रहा और समय खींचता रहा। अमरेश कुमार को लगा कि तकनीकी समस्या के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है, जबकि वास्तव में उनके बैंक खाते से पैसे निकाले जा रहे थे।
खाते से पैसे निकलने का अहसास
कुछ ही मिनटों बाद पीड़ित के मोबाइल पर लगातार मैसेज आने लगे, जिनमें अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे कटने की जानकारी थी। तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो रही है। जब तक वह कुछ समझ पाते, तब तक साइबर अपराधी उनके खाते से कुल 7 लाख 18 हजार रुपये निकाल चुके थे। यह रकम उनके लिए बेहद बड़ी थी, जिससे वे मानसिक रूप से भी काफी परेशान हो गए।
शिकायत और पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद घबराए अमरेश कुमार ने सबसे पहले अपने परिचितों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वे सीधे साइबर थाना पहुंचे और पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई। साइबर थाना प्रभारी और डीएसपी कनिष्क श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बैंकिंग ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल्स और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि ठगों तक पहुंचने के लिए डिजिटल सबूत जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही इस गिरोह का खुलासा किया जाएगा।
लगातार बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल के महीनों में बिजली मीटर रिचार्ज, स्मार्ट मीटर अपडेट और कनेक्शन काटने का डर दिखाकर कई लोगों को ठगा जा चुका है। व्यापारी, सेवानिवृत्त अधिकारी और आम उपभोक्ता सभी इस तरह की ठगी के शिकार बने हैं। साइबर अपराधी सरकारी विभागों के नाम का इस्तेमाल कर लोगों का भरोसा जीत लेते हैं और फिर बड़ी रकम साफ कर देते हैं।
सावधानी ही है बचाव
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए। बिजली विभाग या किसी भी सरकारी संस्था के नाम से आने वाली कॉल की पहले आधिकारिक पुष्टि करनी चाहिए। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता बड़े आर्थिक नुकसान से बचा सकती है।

You may have missed