मैट्रिक परीक्षार्थियों को फोन कर पैसे देने की धमकी दे रहे साइबर अपराधी, रहे सावधान

पटना। बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए जालसाज़ एक नई मुसीबत लेकर आए हैं। गार्जियंस के पास फोन आ रहे हैं और डिवीजन के लिए पैसा मांगा जा रहा है। पैसा नहीं देने पर स्टूडेंट्स को फेल करने की धमकी दी जा रही है। कॉल करने वाले खुद को बिहार बोर्ड का क्लर्क बता रहे हैं। वह परीक्षार्थी के बारे में सटीक जानकारी दे रहे हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स और उनके गार्जियंस भी टेंशन में हैं। बोर्ड ऐसे मामलों को साइबर ठगी का जाल बताता है, लेकिन सवाल है कि जालसाज बोर्ड की गोपनीय जानकारी कहां से दे रहे हैं। मैट्रिक के रिजल्ट से पहले आ रहे ऐसे कॉल ने स्टूडेंट्स से लेकर गार्जियंस तक की नींद उड़ा दी है।

जानकारी के अनुसार, स्टूडेंट्स के गार्जियंस के नंबर पर फोन करने वाले खुद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कर्मचारी बताते हुए अलग-अलग विषय का नंबर तक बता रहे हैं। वह रोल कोड से लेकर स्टूडेंट्स से जुड़ी हर जानकारी दे रहे हैं, जिससे गार्जियंस को भी बोर्ड के कर्मचारी होने पर विश्वास हो रहा है। ऐसे कॉल अधिकतर लोगों के पास आ रहे हैं और बच्चों को पास कराने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। कॉल करने वाले मैट्रिक एग्जाम में 75% नंबर के लिए 5 हजार रुपए तक की डिमांड कर रहे हैं। वह यह भी धमकी दे रहे हैं कि अगर पैसा नहीं दिया गया तो बच्चे को फेल कर देंगे। ऐसे धमकी भरे कॉल से गार्जियंस भी डर जा रहे हैं। क्योंकि फोन करने वाला परीक्षार्थी से जुड़ी सारी जानकारी दे रहा है, जिससे गार्जियंस परेशान हैं कि कहीं सही में वह फेल न कर दे।
आईपीएस ने उठाए पारदर्शिता पर सवाल
पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने ऐसे मामलों से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा किया है। पूर्व आईपीएस का कहना है कि बड़ा सवाल है कि स्टूडेंट्स से संबंधित जानकारी और गार्जियन के मोबाइल नंबर कहां से लोगों को मिल रहे हैं। मामले को गंभीर बताते हुए उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। अमिताभ दास का कहना है कि बिहार बोर्ड टॉपर घोटाला को लेकर पहले ही देश में अपनी छवि खराब कर चुका है। इसके बाद से सुधार का दावा किया जाता है, लेकिन सवाल यह है कि बोर्ड से गोपनीय जानकारी कहां से लीक हो रही है। कौन है जो गार्जियंस को फोन कर पैसे की डिमांड करा रहा है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाए, जिससे बिहार बोर्ड की साख बचे और गार्जियंस की टेंशन को दूर किया जा सके।