बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने घाटों पर उमड़ी लोगों की भीड़, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

पटना। आज विशाखा नक्षत्र व परिघ योग में बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। स्नान-दान की इस पूर्णिमा पर श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाकर दान-पुण्य कर रहे हैं। आज पूर्णिमा तिथि और गुरुवार दिन होने से इसकी महत्ता और बढ़ गयी है। ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि वैशाख पूर्णिमा पर ग्रह नक्षत्रों की शुभ स्थिति होने से कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन पूरे चार शुभ योग का महासंयोग बन रहा है। वहीं इस दिन शुक्र-सूर्य की युति से शुक्रादित्य योग, वृष राशि में गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग, गुरु-सूर्य की युति से गुरु-आदित्य योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा इस दिन बव करण भी विद्यमान रहेगा। ऐसे उत्तम संयोग में श्रद्धालु स्नान-दान, श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना, लक्ष्मी नारायण भगवान को खीर का भोग, इत्र अर्पण, घी के दीपक से आरती, शांति पाठ और चंद्र दोष से मुक्ति के लिए जाप, हवन, दान-धर्म करेंगे। स्कन्द पुराण के अनुसार वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। इस मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि से पूर्णिमा तक की तिथियां शुभ है। वैशाख मास की एकादशी तिथि को अमृत प्रकट हुआ, द्वादशी को श्रीहरि विष्णु ने उसकी रक्षा की, त्रयोदशी को भगवान नारायण ने देवताओं को सुधापान कराया तथा चतुर्दशी को देव विरोधी दैत्यों का संहार किया। फिर वैशाख पूर्णिमा को समस्त देवताओं को उनका साम्राज्य मिल गया। सब देवताओं ने प्रसन्न होकर इन तिथियों को वर दिया। वैशाख मास की ये शुभ तिथियां मनुष्य के समस्त पापों का नाश करने वाली है।

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