बिहार भाजपा के फायर ब्रांड नेता विश्वेश्वर ओझा हत्याकांड में दो को आजीवन कारावास तथा अन्य पांच को 10 वर्षों की सजा,मिला इंसाफ..

पटना।अपने समय भोजपुर के दबंग भाजपा नेता तथा शाहपुर की पूर्व विधायिका मुन्नी देवी के जेठ विशेश्वर ओझा की हत्या के मामले में आरा कोर्ट ने 2 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडीजे 8 ने हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 85-85 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया  है। वहीं अन्य पांच दोषियों को 10 साल और 35-35 हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।उल्लेखनीय है कि विगत 12 फरवरी 2016 को भोजपुर जिले में विशेश्वर ओझा की हत्या हुई थी। इस मामले में एक गवाह की भी हत्या हो चुकी है।

इस हत्याकांड में कोर्ट ने सात आरोपियों को दोषी बनाया है, जिनमें ब्रजेश मिश्रा, हरेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह शामिल हैं। इसमें ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा दोनों सगे भाई हैं, जो पहले से जेल में बंद है।

वहीं कोर्ट साक्ष्य के अभाव में छह आरोपियों को बरी कर चुकी है। अपर लोक अभियोजक मानिक कुमार सिंह ने बताया कि ब्रजेश मिश्रा समेत अन्य दोषियों की सजा के बाद विशेश्वर ओझा के बेटे राकेश ओझा ने कहा कि सभी को कानून का सम्मान करना चाहिए, जिन लोगों ने गलती की थी, पाप किया था उनको सजा मिली है। इस केस को हम लोग यहां ही नहीं, जरूरत पड़ेगी तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे, लेकिन हत्यारों को बचने नहीं देंगे। यह एक राजनीतिक हत्या थी, राजनीतिक लोगों के द्वारा हत्या कराई गई थी।राजनेताओं द्वारा पाले गए गुंडे इसमें शामिल थे। पुलिस जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था। उसके बाद भी न्याय की जीत हुई है। मैं सभी गवाहों को धन्यवाद देता हूं। इन लोगों ने हमारे एक गवाह की हत्या के बाद भी कोर्ट में अपनी गवाही दी। उनके गवाही के बदले सभी आरोपियों को सजा मिली।गौरतलब हो कि 12 फरवरी 2016 की देर शाम भाजपा के तत्कालिन प्रदेश उपाध्यक्ष सह दबंग नेता ओझवलिया गांव निवासी विशेश्वर ओझा एक शादीके लिए अपनी सफारी गाड़ी से सोनवर्षा गांव गए हुए थे। लौटने के क्रम में आरोपियों ने विशेश्वर ओझा की गाड़ी रुकवा कर जबरदस्त फायरिंग की।जिसमें मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
इस हत्याकांड के बाद मृतक भाजपा नेता के परिजनों के द्वारा शाहपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। प्राथमिकी में बृजेश मिश्रा, उसके भाई हरीश मिश्रा सहित करीब 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में 402/18 और 390/16 दो सेशन ट्रायल के तहत मुकदमे में सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी बृजेश मिश्रा को 402/18 सेशन ट्रायल में आईपीसी की धारा 302,307 और 27 आर्म्स एक्ट मामले में दोषी पाया था। इतना ही नहीं इस मामले के ट्रायल होने के दौरान ही कारनामेपुर ओपी अंतर्गत सोनवर्षा गांव में 28 सितंबर 2018 की सुबह भाजपा नेता हत्याकांड के मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा को उनके घर के समीप ही पशुओं का चारा लाने के समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद कमल किशोर मिश्रा के पिता श्रीमन नारायण मिश्र द्वारा गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई थी। 12 फरवरी 2024 को मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या के मामले में आरा कोर्ट द्वारा ट्रायल के बाद कांड के चार आरोपियों उमाशंकर मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, मुक्तेश्वर मिश्र और राज किशोर पाल को दोषी पाते हुए सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई ग

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