जमीन और मकान की खरीद-बिक्री में नगर निगम की रसीद अनिवार्य, टैक्स नहीं देने वालों की बढ़ेगी मुसीबत

पटना। पटना नगर निगम ने संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) वसूली को बढ़ावा देने और अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब शहर में मकान, फ्लैट, भूखंड, या अन्य आवासीय संपत्तियों की खरीद-बिक्री के दौरान संपत्ति कर और ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क की अदायगी की रसीद दिखाना अनिवार्य होगा। यह नई व्यवस्था उन संपत्ति धारकों के लिए चुनौती बन सकती है, जिन्होंने अब तक अपना बकाया कर भुगतान नहीं किया है।
नई व्यवस्था के पीछे उद्देश्य
पटना नगर निगम के अनुसार, शहर में बड़ी संख्या में संपत्ति धारक समय पर संपत्ति कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं। इससे निगम की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो शहर के विकास कार्यों और नागरिक सुविधाओं के लिए उपयोग की जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने नगर विकास विभाग और मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग को पत्र लिखकर संपत्ति कर की बकाया राशि वसूलने के लिए सख्त नियम लागू करने का प्रस्ताव दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत बिना संपत्ति कर की अदायगी की रसीद के संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी जाएगी।
कर भुगतान के विकल्प
नगर निगम ने संपत्ति कर भुगतान को सरल और सुगम बनाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध कराए हैं। नागरिक अब निम्नलिखित माध्यमों से कर का भुगतान कर सकते हैं। नगर निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर का ऑनलाइन भुगतान किया जा सकता है। निगम मुख्यालय और अंचल कार्यालय में जाकर कर भुगतान की सुविधा है। आयकर गोलंबर के पास विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं। वॉर्ड टीमों के पास उपलब्ध पीओएस मशीन या क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। पेटीएम, फोनपे, जीपे और अन्य यूपीआई एप्स के जरिए भी कर का भुगतान संभव है।
खरीद-बिक्री पर प्रभाव
नए नियमों के तहत, संपत्ति के क्रय-विक्रय के लिए पंजीकरण के दौरान संपत्ति कर और ठोस कचरा प्रबंधन शुल्क की अदायगी की रसीद दिखाना अनिवार्य होगा। बिना रसीद के न तो संपत्ति का पंजीकरण हो सकेगा और न ही उसके अधिकार स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है, जिन्होंने वर्षों से संपत्ति कर नहीं चुकाया है। खासकर वे लोग जो जल्द ही अपनी संपत्ति बेचने या खरीदने की योजना बना रहे हैं, उन्हें पहले अपने सभी लंबित करों का भुगतान करना होगा।
आर्थिक मजबूती की ओर कदम
नगर निगम का यह निर्णय न केवल संपत्ति कर वसूली में तेजी लाएगा, बल्कि पटना नगर निगम की वित्तीय स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा। बढ़ी हुई आय का उपयोग शहर में बेहतर सड़कें, स्वच्छता प्रबंधन, जल निकासी व्यवस्था और अन्य नागरिक सुविधाओं के विकास में किया जाएगा।
नियम का व्यापक असर
इस नियम का सीधा प्रभाव पटना के रियल एस्टेट बाजार पर भी पड़ेगा। कर अदायगी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया के कारण संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता आएगी। खरीदारों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे जिस संपत्ति का क्रय कर रहे हैं, उसका कर रिकॉर्ड साफ हो। वहीं, यह नियम कर भुगतान को एक नियमित प्रक्रिया बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। जिन लोगों ने अभी तक कर अदायगी में ढिलाई बरती है, उन्हें अब अपने दायित्व पूरे करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
आम जनता के लिए संदेश
पटना नगर निगम ने आम जनता से अपील की है कि वे समय पर अपना संपत्ति कर और अन्य शुल्क जमा करें। कर अदायगी में देरी न केवल कानूनी समस्या पैदा कर सकती है, बल्कि संपत्ति के लेन-देन में भी बाधा बन सकती है। पटना नगर निगम का यह कदम संपत्ति कर वसूली के लिए एक सख्त लेकिन जरूरी पहल है। इससे न केवल नगर निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि शहर के नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा सकेंगी। नई व्यवस्था से पटना में संपत्ति लेन-देन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी, जिससे शहर के विकास की राह और सुदृढ़ हो सकेगी।

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