4 सूत्री मांगों को लेकर पटना में निगम कर्मियों की आमसभा, कहा- समान काम का समान वेतन हो लागू

पटना। निगम कर्मियों द्वारा आज तीसरे दिन पटना में आमसभा किया गया। वही इस आमसभा का आयोजन पटना नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल में निगमकर्मियों द्वारा किया गया। बता दे की यह आमसभा पिछले 3 दिनों से चल रहा है। वहीं निगमकर्मियों द्वारा 12 जुलाई को नगर निगम मुख्यालय मौर्यालोक पर प्रदर्शन किया जाएगा। वही प्रदर्शन के बाद समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो 15 जुलाई के बाद निगमकर्मियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
यह है इनकी मांगें
दैनिक मजदूरों को स्थायी करना, समान काम का समान वेतन, आउटसोर्सिंग व्यव्स्था समाप्त करना, न्यूनतम वेतन 18000-21000 लागू करने की मांगें हैं। वही निगम मजदूरों का कहना है कि हम दिन-रात पूरे शहर में काम करते रहते हैं, लेकिन हमें बस 10 हजार रुपए ही महिने दिया जा रहा है। एक तरफ तेजस्वी हमारे लिए बड़ी-बड़ी बातें करते है, लेकिन हमारा वेतन ना तो बढ़ा रहे हैं और ना ही हमें स्थायी कर रहे हैं। वही आमसभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान का नारा देती है और दुसरी तरफ शहर को साफ रखने वाला ही भूखा है। वही नगर विकास विभाग को पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि महीने में एक दिन नगर निगम के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर समस्या का समाधान किया जाए, लेकिन न तो नगर विकास और ना ही सरकार इसपर ध्यान दे रही है। मजदूर लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं।
निगमकर्मियों के विरोध में बिहार सरकार गई सुप्रीम कोर्ट
वही समन्वय समिति के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा की एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नगर निगम के दलित मजदूर का पैर गंगा जल से धोते हैं और दुसरी तरफ श्रमिक विरोधी नीति बनाते हैं। उन्होनें बिहार सरकार की अलोचना करते हुए कहा कि पटना हाईकोर्ट ने कर्मियों के पक्ष में फैसला दिया तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी, जो सरकार के मजदूर विरोधी मानसिकता का परिचायक है। सभा का संचालन करते हुए संयोजक मंगल पासवान ने कहा आऊटसोर्स व्यवस्था भ्रष्टाचार का माध्यम है, इसलिये इसे तुरंत बाहर किया जाए।

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