PATNA : कोरोना की तीसरी लहर मूर्तिकारों पर लाई आफत, बसंत पंचमी पर नहीं बिक रही मूर्तियां

पटना। कोरोना की तीसरी लहर ने कारोबार को भी पूरी तरह से प्रभावित किया है। हर तरह के कारोबारी कोरोना की मार से उबर नहीं पा रहे हैं। यही हाल प्रदेश के मूर्तिकारों का भी है। बसंत पंचमी को लेकर पहले मां सरस्वती की मूर्ति बनाने वालों में उत्साह रहता था। बड़ी संख्या में उनकी मूर्तियां बनती थी। एडवांस ऑर्डर मिलता था। लेकिन, कोरोना की तीसरी लहर में मूर्तिकारों को दो जून की रोटी के लिए भी सोचना पड़ रहा है।

नहीं हो रही एडवांस बुकिंग

5 फरवरी को सरस्वती पूजा है। इस वक्त में मूर्तियों की धूम मची रहती थी। खरीद-बिक्री का सिलसिला जारी रहता था। मूर्तियों की बुकिंग पूरी तरह बंद नजर आ रही है। राज्य में 6 फरवरी तक पाबंदियां लगाई गई है। जबकि, 5 फरवरी को बसंत पंचमी है। पटना के मूर्तिकार मोहम्मद जाहिद खान ने बताया कि इस बार लकड़ी, मिट्टी और पुआल सभी का रेट पहले से काफी बढ़ गया है। लेकिन मूर्तियों की बिक्री नहीं होने की वजह से इस बार मूर्तियों को कम दाम में बेच रहे हैं। इसके बावजूद किसी भी मूर्ति की बुकिंग नहीं हो पाई है।

मूर्तिकारों में उदासी

मूर्तिकार संजय कुमार पंडित ने बताया कि स्कूल और कोचिंग संस्थान के बंद होने से मूर्ति की बिक्री नहीं हो रही है। पहले हमलोग अकेले 50 मूर्तियां बना लेते थे। कोलकाता से कारीगर मंगवा कर काम करवाते थे। लेकिन, इस बार बुकिंग नहीं हो रही है तो कारीगर बाहर से नहीं मंगवाए गए हैं। पटना के कमोबेश सभी मूर्तिकारों की यही स्थिति है। बसंत पंचमी से पहले उनकी दुकानें लोगों से गुलजार रहती थी। मां सरस्वती की तरह-तरह की मूर्तियां बनायी जाती थी। लेकिन, इस बार मूर्तिकारों में मायूसी छायी हुई है।

लागत भी नहीं निकल रही

पटना के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में की यही स्थिति है। गोपालगंज जिले के तो कई परिवार मूर्ति कारोबार से ही जुड़े हुए हैं। उनकी स्थिति कोरोना की तीसरी लहर में बदतर हो गई है। दिसंबर तक वो इस आस में थे कि इस बार बंसत पंचमी पर अच्छी संख्या में मूर्तियां बिकेगी। लेकिन, कोरोना की तीसरी लहर ने सबकुछ लील लिया। गोपालगंज शहर के बंजारी मोड़ के पास हाइवे किनारे पांच साल से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले राजस्थान के किशन कुमार बताते हैं कि उनपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने बताया कि जितनी मेहनत हो रही है, उस हिसाब से मूर्तियां नहीं बिक पाएगी।

इंतजार हो रहा था बसंत पंचमी का

बसंत पंचमी को लेकर किशन के परिवार ने डेढ़ लाख खर्च कर अब तक तीन सौ मूर्तियां तैयार की है। लेकिन, मुश्किल से चार मूर्ति की बुकिंग हो पायी है। मूर्तिकार बताते हैं कि पूरे साल बसंत पंचमी का इंतजार करते हैं। हमारी पूरी कमाई इसी समय होती है, लेकिन इस साल कमाई की संभावना नहीं दिख रही है। कमाई नहीं होने की वजह से हम लोगों को कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ता है। इस साल भी सब कुछ भगवान भरोसे ही है। किशन के साथ उनकी पत्नी सोनी कुमारी, बहन चंदा कुमारी, रंभा कुमारी भी मूर्तियों को बनाने में जुटी हुईं हैं।

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