1 साल बाद कोरोना ने पटना में दी दस्तक, दो नए मरीज मिलने से हड़कंप

पटना। राजधानी पटना में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। करीब एक साल के अंतराल के बाद शहर में दो नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों मरीजों का इलाज बेली रोड स्थित एक नामचीन निजी अस्पताल में किया जा रहा है। मरीजों में कोविड के गंभीर लक्षण देखने के बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत जांच कराई, जिसमें दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक चार दिन पहले ओपीडी में दो मरीज सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ पहुंचे थे। दोनों के ऑक्सीजन स्तर में भी कमी पाई गई, जिसके चलते डॉक्टरों को शक हुआ कि यह कोविड का मामला हो सकता है। तुरंत एहतियातन दोनों की कोरोना जांच कराई गई। रिपोर्ट में दोनों संक्रमित पाए गए। इनमें से एक मरीज की हालत गंभीर होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि दूसरा मरीज प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने सिविल सर्जन कार्यालय को सूचित किया। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों की रिपोर्ट की जांच की जा रही है और पूरी पुष्टि के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। इधर, अस्पताल के वरीय चिकित्सकों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ जैसी शिकायतें लेकर तीन से चार मरीज और भी ओपीडी में पहुंचे थे। उन्हें कोरोना जांच की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभावित संकेत हो सकते हैं कि संक्रमण का दायरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग अब इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए निगरानी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। बीते एक वर्ष से पटना में कोई कोरोना का सक्रिय मामला सामने नहीं आया था, ऐसे में नए मामलों की पुष्टि ने चिंता बढ़ा दी है। जानकारों का कहना है कि मौसम परिवर्तन, भीड़भाड़ और लापरवाही इसके पीछे संभावित कारण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो वे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरत पड़ने पर जांच कराएं। इसके साथ ही मास्क पहनने, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे पुराने नियमों का पालन करने की भी सलाह दी गई है। इस घटनाक्रम के बाद पटना में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाए जाने की संभावना है और स्वास्थ्य विभाग किसी भी संभावित लहर को रोकने के लिए सतर्कता बरत रहा है। पटना के नागरिकों को भी अब और सतर्क रहना होगा ताकि शहर दोबारा महामारी की चपेट में न आए।
