पटना में कांस्टेबल ने की पत्नी की हत्या, वारदात के बाद किया सरेंडर

पटना। पटना में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक सिपाही ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी कांस्टेबल धनंजय कुमार ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना पीरबहोर पुलिस स्टेशन के क्वार्टर में हुई, जहां पति-पत्नी रहते थे। मृतका की पहचान दीपिका भारती के रूप में हुई है। धनंजय कुमार 2010 बैच का सिपाही है और फिलहाल पटना पुलिस लाइन में तैनात था। इससे पहले वह ग्रामीण एसपी का बॉडीगार्ड भी रह चुका है। घटना के बाद पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया और जांच शुरू कर दी है। इस हत्याकांड की पुष्टि टाउन डीएसपी दीक्षा ने की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच के लिए एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम को बुलाया गया है। पुलिस हर पहलू से मामले की छानबीन कर रही है, ताकि हत्या के पीछे की असली वजह सामने आ सके। पुलिस जांच में सामने आया है कि धनंजय और दीपिका हाल ही में महाकुंभ स्नान कर लौटे थे। दोनों ने अपनी 5 साल की बेटी को कुंभ यात्रा से पहले नानी के घर भेज दिया था। यह घटना किस कारण हुई, इसे लेकर पुलिस गहराई से जांच कर रही है। धनंजय और दीपिका की शादी करीब 8 साल पहले हुई थी। पुलिस अभी हत्या के पीछे के संभावित कारणों की जांच कर रही है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार पारिवारिक विवाद या घरेलू कलह इसकी वजह हो सकती है। एफएसएल टीम सबूत इकट्ठा कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि हत्या कैसे की गई और क्या कोई बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल था। इस घटना ने एक मासूम बच्ची को अनाथ कर दिय*। उसकी मां की हत्या हो गई और पिता पुलिस हिरासत में है। ऐसे में अब बच्ची की जिम्मेदारी किस पर होगी, यह बड़ा सवाल है। संभावना है कि वह अपनी नानी या अन्य परिजनों के संरक्षण में रहेगी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जल्द ही आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या की सटीक वजह और समय का पता चलेगा। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि हत्या आक्रोश में की गई या पहले से साजिश थी। यह घटना एक बार फिर घरेलू विवाद और आपसी रिश्तों में बढ़ते तनाव को उजागर करती है। पुलिस इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही सभी पहलू स्पष्ट हो जाएंगे। लेकिन इस हत्या ने एक मासूम बच्ची को माता-पिता के प्यार से वंचित कर दिया, जो इस त्रासदी का सबसे दुखद पहलू है।
