कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हंगामा, सोनिया गांधी के पक्ष-विपक्ष में बंट गए वरिष्ठ कांग्रेसी,देखिए आगे क्या होता…

नई दिल्ली।कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज पार्टी के अंदर मौजूद अंदरूनी विवाद तथा गुटबाजी सतह पर आती दिखी।कार्यसमिति की बैठक में वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष इस्तीफे की पेशकश की। साथ ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के द्वारा लिखे गए पत्र पर भी चर्चा किया।सोनिया गांधी के द्वारा चर्चा शुरू करने के उपरांत कार्यसमिति की बैठक दो भागों में बंट गई।एक तरफ गांधी परिवार के खुलकर समर्थन करने वाले लोग हैं।तो दूसरी तरफ पत्र लिखकर गांधी परिवार से बाहर किसी मजबूत नेतृत्व को पार्टी सौंपने वाले बागी गुट दिखें।कार्यसमिति के बैठक में सोनिया गांधी के समर्थन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एके एंटनी ने पत्र लिखने बालों की आलोचना की।इसके बाद पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखने वालों को भाजपा से मिलीभगत करने की बात कर डाली।जिसके बाद हंगामा बढ़ गया। राहुल गांधी के द्वारा भाजपा से मिलीभगत करने संबंधी बात रखने के उपरांत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर आरोप साबित हो गए तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार है। इतना ही नहीं कपिल सिब्बल ने भी ट्वीट करके राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया। कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा को मदद करने का आरोप लगाया जा रहा है,जबकि मैंने राजस्थान हाई कोर्ट में तथा मणिपुर में पार्टी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 30 साल में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया,फिर भी हम भाजपा वालों से मिले हुए हैं।यह हैरत वाली बात है। इस बैठक के दौरान राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी दोनों पत्र लिखने वाले कांग्रेसियों के खिलाफ दिखें। राहुल गांधी ने पत्र के टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया।उन्होंने कहा कि जब सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती हो रही थी उसी वक्त यह पत्र क्यों लिखा गया।उल्लेखनीय है कि गुलाम नबी आजाद,आनंद शर्मा,कपिल सिब्बल,शशि थरूर,जितिन प्रसाद,मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा,मिलिंद देवड़ा,रेणुका चौधरी,अखिलेश प्रसाद,पीजे कुरियन संदीप दीक्षित,टीके सिंह,कुलदीप शर्मा, विवेक तंखा, पृथ्वीराज चौहान,मनीष तिवारी तथा अरविंदर सिंह लवली जैसे वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।पत्र में नेतृत्व परिवर्तन,पार्टी में विश्वास को जगाना तथा भाजपा को खुद से बड़ी पार्टी स्वीकार करने संबंधी बातें लिखी हुई थी।आज के बैठक में कांग्रेस दो भाग में नजर आई। कांग्रेस का एक बड़ा हिस्सा,जिसमें राजस्थान-पंजाब तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी शामिल है, गांधी परिवार के पक्ष में दिखा।मगर एक तबका पार्टी के अंदर नेतृत्व परिवर्तन एवं मजबूत नेतृत्व के पक्ष में दिखा।

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