सरकार के गलतियों के कारण ही आज बिहार के किसान का हाल बेहाल है :  सुधाकर सिंह

  • शीतकालीन सत्र में प्राइवेट कृषि उपज और पशुधन विपणन एवं मंडी स्थापना विधेयक बिल लाएंगे :  सुधाकर सिंह

पटना। बिहार में महागठबंधन सरकार में शामिल जेडीयू और राजद दोनों दलों के वरिष्ठ नेता भले एक दूसरे से राजनीतिक रूप से जुड़ गए हों, लेकिन लगता है कि कार्यकर्ता और विधायकों में अभी भी जुड़ाव नहीं हुआ है। इसका ताजा प्रमाण है, राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की ओर से बिहार सरकार को चैलेंज करने का। सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के कृषि कानून को ही नकार दिया है। सुधाकर सिंह वर्तमान कृषि कानून से किसानों को डेढ़ लाख करोड़ का नुकसान होने की बात बता रहे हैं। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार के गलतियों की वजह से आज बिहार के किसान का हाल बेहाल है, जहां बिहार में चावल 2200 सौ किलो प्रति हेक्टेयर का उपज है। तो पंजाब में 4800 किलो प्रति हेक्टेयर है। अगर हम पंजाब के मुकाबले बिहार के किसानों को आय की बात करें तो 20000 करोड़ का सालाना कम आय हो रहा है जो एक स्टेट के बजट के बराबर है। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि शीतकालीन सत्र में प्राइवेट बिल लाएंगे जिसका नाम होगा “कृषि उपज और पशुधन विपणन एवं मंडी स्थापना विधेयक। सुधाकर सिंह को आशा ही नहीं बल्की पूर्ण विश्वास है कि सरकार और विधानसभा के सदस्य इसमें साथ देंगे। सुधाकर सिंह ने कहा कि जब 2006 में बिहार में कृषि उपज बाजार समिति अधिनियम समाप्त किया गया था तो इसे बड़ा सुधारवादी कदम बताया गया था। उस समय नीतीश कुमार को सत्ता संभाले हुए एक साल हुआ था। लेकिन, आज 16 साल बीत चुके हैं इतने साल बाद भी किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है और किसान अपने सामान को औने-पौने दाम पर बेंच रहे हैं। वहीं सुधाकर सिंह के इस बयान पर जेडीयू नेता और बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खां ने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा विकास का काम किया है। उन्होंने किसानों आमदनी बढ़ाने के लिए काफी काफी कुछ किया है। उनके बारे में कौन क्या बोलता है, इससे फर्क नहीं पड़ता है।

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