पटना में वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के 32वें राष्ट्रीय कांग्रेस का समापन
पटना, (अजीत)। बिहार के कृषक और पशुपालकों को उन्नत तकनीक अपने हेतु आगे आने की जरूरत है, नई तकनीक सीखने की इच्छा जागृत कर राज्य को समृद्ध बनाने की ओर कार्य करने की आवश्यकता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहीं। वे बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और इंडियन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के 32वें राष्ट्रीय कांग्रेस के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मंत्री ने आगे कहा की तकनीकी ज्ञान को धरातल पर उतारने में अभी भी बहुत फासले हैं जिसे कम करने के लिए कार्य करें वैज्ञानिक। बिहार के पशुपालक ज्यादा समृद्ध नहीं है इसलिए जरूरी है कि हमें पशुपालकों के हित के लिए और उनके हिसाब से सोचकर काम करे, हमें सोचना होगा की कैसे उन्हें उन्नत बनाएं, प्रसार प्रचार और जागरूकता से ही या संभव हो पाएगा और भावी पीढ़ी भी पशुपालन से जुड़ पाएंगे। कार्यक्रम की शुरुआत में संगोष्ठी की सह-आयोजन सचिव डॉ. केपी शाय्मा ने लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर इंडियन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ वेटरनरी पैरासाइटोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. ए. संगरण ने तीन दिवसीय कांग्रेस और संगोष्ठी का रिपोर्ट पेश किया। कार्यक्रम में पोस्टर और ओरल प्रेजेंटेशन के चारो सेशन के 57 विजेताओं को पुरुस्कृत किया। इस अवसर पर डीन, बिहार वेटरनरी कॉलेज, डॉ. जेके प्रसाद; निदेशक स्नातकोत्तर शिक्षा, डॉ. वीर सिंह राठौड़; निदेशक शोध डॉ. विशेष कुमार सक्सेना; निदेशक प्रसार, डॉ. एके ठाकुर; कुलसचिव, डॉ। संजीव कुमार; आईएएवीपी के जनरल सेक्रेटरी डॉ. अनीश यादव, आयोजन सचिव डॉ. अजीत कुमार, वरिष्ठ पैरासाइटोलॉजिस्ट डॉएसआरपी सिन्हा, डॉ. राजकिशोर शर्मा आदि उपस्थित थे।