होली खत्म होते ही प्रवासी मजदूरों के बिहार से जाने की होड़ शुरु, स्टेशन पर टिकटों के लिए हो रही मारामारी

पटना। होली का त्योहार खत्म हो चुका है। छुट्टियां खत्म होने के बाद लोग अपने-अपने काम पर वापस लौटने लगे हैं। होली के दिन 25 सौ यात्री मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई आदि शहरों के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को साढ़े सात हजार तथा शुक्रवार को 15 हजार यात्री विभिन्न प्रदेशों के लिए रवाना हुए। मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों में 22 दिनों तक तथा दिल्ली आदि शहरों की ओर जाने वाली ट्रेनों में 70 दिनों तक सीट उपलब्ध नहीं हैं। इधर, भीड़ से निपटने के लिए रेलवे की कोई खास तैयारी नहीं दिख रही है। छठ पर्व के मौके पर जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थी। हालांकि, होली के अवसर पर इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है। केवल प्लेटफार्म नंबर एक पर फर्स्ट एड का एक काउंटर है। वहां एक शिफ्ट में एक कर्मचारी रहते हैं। स्टेशन प्रबंधक और आरपीएफ द्वारा जंक्शन पर पेट्रोलिंग की जा रही है।
पवन एक्सप्रेस में तीन अप्रैल से सीट उपलब्ध
दरभंगा से लोकमान्य तिलक जाने वाली पवन एक्सप्रेस में तीन अप्रैल से एसी और स्लीपर में कुछ सीटें हैं। वहीं, दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में सबसे अधिक भीड़ है। सहरसा से नई दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस में 21 जून से सीट उपलब्ध है। वहीं, इस ट्रेन की स्लीपर में सात जुलाई से बर्थ की उपलब्धता है। दरभंगा-नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट में दो जून से एसी में सीट उपलब्ध है। इस ट्रेन की स्लीपर बोगी में आठ जुलाई को मात्र 27 सीट उपलब्ध हैं। वहीं, कोलकाता जाने वाली मिथिला एक्सप्रेस में चार अप्रैल से एसी और दो जून से स्लीपर में सीट खाली है। स्पेशल ट्रेनों में भी कोई बर्थ नहीं है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि जगहों से आने वाली कुछ ट्रेनों में दस दिन बाद कुछ सीट मिल रही है।

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