बिहार में सरकारी नौकरी पर क्रेडिट देने की मची होड़, तेजस्वी बोले- महागठबंधन की नीति को अमल में ला रहे नीतीश
- नीतीश पर तेजस्वी का तंज़, कहा- जो कभी कहते थे की नौकरी देना संभव है, आज वह हमारे कारण घोषणा कर रहे
पटना। बिहार की डबल इंजन सरकार ने एक साल के भीतर 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद, इसका क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार इसे अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। दूसरी ओर, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का दावा है कि यह महागठबंधन सरकार की पहल का परिणाम है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हमने 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी। इसी दौरान 3 लाख सरकारी नौकरियों की प्रक्रियाएं शुरू की गईं, जो आचार संहिता के चलते कुछ महीनों से रुकी हुई थीं। हमारे हटने के बाद, पूर्व निर्धारित तीसरे चरण में 1 लाख शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से वह रद्द हो गई थी। तेजस्वी ने आगे लिखा, “चूंकि अब लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, पहले से प्रक्रियाधीन 3 लाख नौकरियों के अलावा, सरकार को हमारी सरकार के निर्णय अनुसार सभी विभागों की बाकी रिक्तियों पर यथाशीघ्र बहाली प्रक्रिया शुरू कर नियुक्तियां करानी चाहिए। यह वही एनडीए और मुख्यमंत्री हैं जो कहते थे कि 10 लाख सरकारी नौकरियां देना असंभव है। इतनी नौकरियों के लिए पैसा तेजस्वी कहाँ से लाएगा। तेजस्वी ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा, “जब हमारे साथ सरकार में आए, तो हमने वैज्ञानिक तरीके से मुख्यमंत्री जी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को बताया और समझाया कि कैसे 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा सकती हैं। इससे पहले तक वे यह मानने को तैयार नहीं थे कि बिहार में लाखों पद रिक्त भी हैं। तेजस्वी यादव ने अपने सकारात्मक राजनीति के परिणामों पर भी जोर दिया और कहा, “हमारी सकारात्मक राजनीति का परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिलेगा। जिन लाखों युवक-युवतियों को नौकरियां मिलीं और मिलेंगी, उन पर हमारी इस पॉजिटिव, प्रोग्रेसिव और मुद्दे आधारित राजनीति का जीवन भर प्रभाव रहेगा। इस बीच, नीतीश कुमार की सरकार भी नौकरियों के इस बड़े कदम को अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। सरकार का कहना है कि यह पहल बिहार के युवाओं के लिए एक बड़ी राहत है और इससे राज्य में बेरोजगारी की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। बिहार में सरकारी नौकरियों की यह होड़ राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। दोनों पक्षों के दावों के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि किसका दावा जनता के बीच अधिक प्रभावी साबित होता है और आगामी चुनावों में किसे इसका लाभ मिलता है। सरकारी नौकरियों की यह पहल बिहार के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए और युवाओं को इसका सही लाभ मिले।


