PATNA : बच्चियों के साथ कुकर्म व हत्या के संदिग्धों के घर महादलित समुदाय के लोगो ने की तोड़फोड़ और पथराव
- फुलवारी में बच्चियों के साथ कुकर्म व हत्या के दोषियों को धड़ पकड़ करने और छानबीन करने पहुंचे पुलिस टीम पर भी हुआ पथराव
- दो संदिग्ध को हिरासत में लेकर हो रही पूछताछ
पटना(अजीत)। गुरुवार को पटना के फुलवारीशरीफ के एक गांव में दो महादलित समुदाय की छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में संदिग्ध लोगों के घर पर महादलित समाज की महिलाएं बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर तोड़फोड़ करने पर उतारू हो गई। इतना ही नहीं दो घरों में जमकर पथराव किया गया। महादलित समुदाय की महिलाओं के उग रूप को देखकर कई घरों के लोग अपने घर छोड़कर भाग गए। घरों से निकल कर भाग रहे लोगों और महादलित समुदाय के महिलाओं के बीच बाधार के खेतों में जमकर तकरार हुआ। इस दौरान ही वहां पहुंची पुलिस टीम पर भी लोग टूट पड़े। दरअसल, सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना में 2 संदिग्ध लोगों को पकड़ कर पुलिस थाना ले गई थी। वही इसके बाद महादलित समुदाय के लोगो में पकड़े गए परिवार के प्रति आक्रोश भड़का हुआ था। देखते ही देखते समुदाय की सैकड़ो की संख्या में महिलाएं व पुरुष इस घटना में शामिल संदिग्ध लोगों के घरों पर टूट पड़े। इस दौरान स्थानीय थाना पुलिस एडिशनल एसपी ने नेतृत्व में वहां छानबीन करने व अपराधियों को पकड़ने पहुंची थी। बगैर सोचे समझे पुलिस टीम पर महादलित समुदाय के महिलाओं ने पथराव कर दिया। इतना ही नहीं महादलित समुदाय के महिलाओं को लगा कि पुलिस टीम उनके यहां शराब की छापेमारी करने पहुंच गई है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि दुष्कर्म वह हत्या में शामिल एक संदिग्ध शख्स को खेत में भागते हुए देखा गया था।
जिसके बाद दो गुटों में पथराव झड़प हो गया। वही इस मामले में कई ग्रामीणों ने बताया की जिन दो लोगो को पुलिस पकड़ कर ले गई है वे लोग नाती पोते वाले हैं और उनका गलत मिजाज नही रहा है। ऐसी घिनौनी हरकत वे लोग नहीं कर सकते हैं। पुलिस केवल इस शक पर उन लोगो को पकड़ कर ले गई है कि उनके घर के पास जाकर पुलिस का कुत्ता रुका था। गांव वालों का कहना कि कुत्ता कई जगह रुका है और कई कारणों से कुत्ता रुक सकता है। ऐसा नहीं है कि जिसके घर के सामने कुत्ता रुक गया, वही लोग घटना में शामिल है। पुलिस को पूरा सबूत इकट्ठा करके ही किसी की गिरफ्तारी करनी चाहिए। दिनभर फुलवारीशरीफ थाना के बाहर व अंदर पकड़े गए लोगों के परिजन व रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहा। कोई यह मानने को तैयार नहीं था कि छोटी लड़कियों के साथ यह लोग ऐसा काम में शामिल हो सकते हैं।