पटना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र ने की आत्महत्या, लॉज के कमरे से मिला शव

पटना। राजधानी पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान भोजपुर जिले के कोईलवर थाना अंतर्गत मानाचक गांव निवासी व्रज बिहारी उर्फ सोनू (23 वर्ष) के रूप में हुई है। युवक पटना के स्वीट हार्ट लेन स्थित एक लॉज में रहकर पढ़ाई कर रहा था। घटना की जानकारी रविवार सुबह तब हुई जब लॉज के अन्य छात्रों ने देखा कि सोनू के कमरे का दरवाजा देर तक नहीं खुला। कई बार आवाज देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी सूचना लॉज मालिक और पुलिस को दी। सूचना मिलते ही कदमकुआं थाना प्रभारी अजय कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। काफी प्रयास के बाद जब दरवाजा नहीं खुला, तो पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया। कमरे के अंदर का दृश्य अत्यंत हृदयविदारक था—युवक का शव पंखे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने तत्काल शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया। घटनास्थल की गहनता से जांच की गई, लेकिन कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे आत्महत्या के कारणों पर सस्पेंस बरकरार है। हालांकि, प्रारंभिक जांच और छात्रों से पूछताछ के आधार पर थानेदार अजय कुमार ने बताया कि मृतक छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार असफल हो रहा था और इसी कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान रहता था। वह लॉज में अन्य छात्रों से कम ही बातचीत करता था और अक्सर खुद में ही खोया रहता था। सूत्रों के अनुसार, सोनू पिछले कुछ वर्षों से पटना में रहकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। लेकिन सफलता नहीं मिलने के कारण वह निराशा की स्थिति में पहुंच गया था। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दे दी थी, जो दोपहर तक पटना पहुंच गए। परिजनों की उपस्थिति में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। घटना के बाद से लॉज और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर है। पढ़ाई के लिए पटना आए छात्र खासे व्यथित हैं। कदमकुआं थाना पुलिस का कहना है कि फिलहाल मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं किसी प्रकार का मानसिक या सामाजिक दबाव तो छात्र पर नहीं था। यह घटना एक बार फिर से उस गंभीर प्रश्न को जन्म देती है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं पर बढ़ते मानसिक दबाव को कम करने के लिए व्यवस्था में क्या सुधार किए जा सकते हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक सहायता भी मिलनी चाहिए, ताकि इस प्रकार की दुखद घटनाएं रोकी जा सकें। पुलिस जांच जारी है, और परिजनों से भी विस्तृत बयान लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं लॉज प्रबंधन और अन्य छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है।
