पटना में प्रेम प्रसंग में युवक ने की आत्महत्या, पानी प्लांट में फंदा लगाकर दी जान

पटना। पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 27 में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शुक्रवार देर रात 18 वर्षीय युवक गोबिंद कुमार ने आत्महत्या कर ली। गोबिंद दयाचक इलाके में स्थित एक पानी प्लांट में काम करता था। वह ओमप्रकाश साव का पुत्र था और अपने परिवार के साथ बाढ़ में ही रहता था।
प्रेम प्रसंग बना आत्महत्या का कारण
घटना की जानकारी के अनुसार गोबिंद कुमार भवानी चौक की एक लड़की से प्रेम करता था। उसके भाई सूरज कुमार ने बताया कि वह लंबे समय से उस लड़की को पसंद करता था और दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। किसी कारणवश प्रेम संबंध में तनाव आया और इसी मानसिक दबाव में आकर गोबिंद ने आत्मघाती कदम उठा लिया। शुक्रवार देर रात वह अपने कार्यस्थल यानी पानी प्लांट में गया और वहां रस्सी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस की प्राथमिक प्रतिक्रिया
जैसे ही घटना की सूचना मिली, बाढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। थाना अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह ने बताया कि आत्महत्या के कारणों की विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है। परिजनों की ओर से लिखित आवेदन मिलने के बाद ही कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और प्रेम प्रसंग को ही प्रमुख वजह मान रही है।
शव ले जाने में लापरवाही
इस दुखद घटना के बाद एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया, जिससे प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई। गोबिंद के शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल, बाढ़ ले जाना था, लेकिन उचित एंबुलेंस या शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई। मजबूरी में शव को एक ई-रिक्शा के सहारे अस्पताल भेजा गया। ई-रिक्शा की सीमित जगह के कारण शव बाहर लटकता हुआ नजर आया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया और प्रशासनिक लापरवाही की जमकर आलोचना हुई।
सामाजिक और मानसिक पहलू
इस तरह की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज के युवा मानसिक तनाव को कितना गंभीरता से झेलते हैं। प्रेम संबंधों में विफलता या सामाजिक दबाव उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं। यह जरूरी हो गया है कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए और परिजनों को भी उनके मन की स्थिति समझने का प्रयास करना चाहिए। गोबिंद की आत्महत्या न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक संवेदनशीलता की भी परीक्षा है। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए समाज और प्रशासन दोनों को अधिक जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
