पूर्णिया में महिला ने जहर खाकर की आत्महत्या, पति के नशे और जुए की लत से परेशान होकर उठाया कदम
पूर्णिया। जिले के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 11 में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने घरेलू विवाद और पति की आदतों से तंग आकर जहर खा लिया। परिजनों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतका की पहचान सहुरिया सुभाय मिलीक पंचायत निवासी मंटू साह की पत्नी रेणु देवी के रूप में हुई है।
पति की लत बनी आत्महत्या की वजह
रेणु देवी के परिजनों के अनुसार, उसका पति मंटू साह मेहनत-मजदूरी या छोटे-मोटे काम करता था, लेकिन जो भी कमाई होती, वह नशा और जुए में उड़ा देता था। घर की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी और इस पर मंटू साह की बुरी आदतों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। नशे की हालत में वह अक्सर घर में झगड़ा करता और पत्नी के साथ मारपीट भी करता था।
लड़ाई के बाद उठाया आत्मघाती कदम
बताया गया है कि मंगलवार देर शाम एक बार फिर पति-पत्नी के बीच तीखी बहस हुई। झगड़े के दौरान मंटू साह ने मारपीट की, जिससे क्षुब्ध होकर रेणु देवी ने घर में रखे किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। जैसे ही घरवालों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और जांच जारी
घटना की सूचना मिलने पर जानकीनगर थानाध्यक्ष परीक्षित पासवान मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच भेजा गया। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है, जो पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के बाद हुआ। फिलहाल परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है। ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है।
गांव में गम का माहौल
इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। रेणु देवी की असमय मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते मंटू साह की आदतों पर रोक लगाई जाती, या रेणु को मानसिक और सामाजिक सहारा मिलता, तो शायद वह यह कदम नहीं उठाती।
महिलाओं की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करती है कि आज भी समाज के कई हिस्सों में महिलाएं घरेलू हिंसा और पति की लतों से किस तरह त्रस्त हैं। उनकी मानसिक स्थिति और आत्मसम्मान को लेकर समाज कितना असंवेदनशील है, यह भी इस घटना से झलकता है। यदि समय पर संवाद, सहयोग और सामाजिक हस्तक्षेप हो, तो कई ऐसी ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं। रेणु देवी की मौत केवल एक पारिवारिक घटना नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक समस्या की बानगी है। पति की लत, घरेलू हिंसा और आर्थिक तंगी जैसे कई कारणों ने मिलकर एक महिला की जान ले ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए समाज को महिलाओं के अधिकार, सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक गंभीरता से काम करना होगा।


