प्रदेश में शीतलहर और ठंड जारी: 3 सालों का रिकॉर्ड टूटा, मौसम विभाग का अलर्ट जारी
पटना। बिहार में सर्द पछुआ हवा और घने कोहरे के कारण ठंड ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश ने बीते तीन वर्षों में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया, जिससे शीतलहर जैसे हालात बन गए। सुबह और रात के समय ठंड की तीव्रता इतनी अधिक रही कि लोग घरों से निकलने में हिचकिचाते नजर आए। सड़कों पर आवाजाही घने कोहरे के कारण धीमी पड़ गई, वहीं बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भी सामान्य दिनों की तुलना में कम चहल-पहल दिखी।
पटना में तीन साल बाद सबसे ठंडा दिन
राजधानी पटना के लिए मंगलवार का दिन खासा ठंडा साबित हुआ। बीते तीन वर्षों में यह सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। इससे पहले 23 दिसंबर 2022 को पटना का न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, लेकिन तापमान में अचानक आई गिरावट के कारण ठंड का असर कहीं अधिक महसूस हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, पटना के न्यूनतम तापमान में 1.5 डिग्री और अधिकतम तापमान में 4.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। दिन में अधिकतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस तक सिमट गया, जिससे दिनभर कनकनी बनी रही।
घने कोहरे का असर
ठंड के साथ-साथ घना कोहरा भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बना। मंगलवार की सुबह पटना सहित कई जिलों में दृश्यता काफी कम रही। पटना में दृश्यता 100 मीटर तक सिमट गई, जिससे वाहन चालकों को खासा सतर्क रहना पड़ा। गया जी में स्थिति और गंभीर रही, जहां दृश्यता मात्र 50 मीटर दर्ज की गई। कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात पर असर पड़ा और कई स्थानों पर लोग देरी से अपने गंतव्य तक पहुंचे।
पूरे राज्य में ठंड का व्यापक असर
राजधानी के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी ठंड का असर व्यापक रूप से देखा गया। मंगलवार को बिहार का औसत न्यूनतम तापमान 7.8 से 13.7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। अधिकतम तापमान में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई, जिससे दिन और रात के तापमान में अंतर कम हो गया और पूरे दिन ठिठुरन बनी रही। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 23 दिसंबर 2022 को राज्य का न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि मंगलवार को यह 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
गया जी में शीत दिवस की स्थिति
इस ठंड के मौसम में पहली बार मंगलवार को गया जी में भीषण शीत दिवस की स्थिति बनी। नालंदा और शेखपुरा जिलों में भी शीत दिवस जैसे हालात देखने को मिले। गया जी, पटना और भागलपुर में घना कोहरा छाया रहा, जबकि राज्य के 28 जिलों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव दर्ज किया गया। गया जी में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो राज्य में सबसे कम था। वहीं राजगीर में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जनजीवन पर प्रभाव
ठंड और कोहरे का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई दिया। लोग दिनभर गर्म कपड़ों में लिपटे रहे। सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चों और दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों को खासा संघर्ष करना पड़ा। बुजुर्गों और बच्चों में ठंड से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। कई जिलों में लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए, जबकि गरीब और असहाय वर्ग के लिए ठंड और भी चुनौतीपूर्ण बन गई।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने साफ किया है कि बिहार को अभी ठंड से राहत मिलने की संभावना नहीं है। विभाग के अनुसार 24 दिसंबर से ठंड में और इजाफा हो सकता है और 26 दिसंबर तक लोगों को भीषण ठंड का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान पूरे राज्य में कोल्ड डे की स्थिति बने रहने की संभावना है। मगध क्षेत्र, शहाबाद, पटना, सारण, मिथिला और चंपारण में कोल्ड डे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं पूर्वी बिहार के जिलों में येलो अलर्ट लागू किया गया है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंडी पछुआ हवा और वातावरण में नमी के कारण ठंड का असर बना हुआ है। हालांकि 27 दिसंबर के बाद मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। इसके बाद तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है और लोगों को ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन तब तक सतर्क रहने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
सावधानी बरतने की अपील
मौसम विभाग और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से ठंड के इस दौर में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। सुबह और रात के समय अनावश्यक बाहर निकलने से बचने, गर्म कपड़े पहनने और बुजुर्गों व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। कोहरे के कारण वाहन चलाते समय धीमी गति और सावधानी बरतने को भी जरूरी बताया गया है। बिहार में जारी शीतलहर और ठंड ने बीते तीन वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पटना समेत पूरे राज्य में ठंड और कोहरे का असर अभी कुछ दिनों तक बना रहने वाला है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज में बदलाव से राहत की उम्मीद जरूर है, लेकिन फिलहाल ठिठुरन भरी ठंड से जूझना ही होगा।


