सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के बाद सीएम नीतीश की सुरक्षा बढ़ी, चारों ओर तैनात रहेंगे एसएसबी जवान, पास जाना होगा मुश्किल
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा को पहले से कहीं अधिक सख्त कर दिया गया है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चारों ओर से कड़े सुरक्षा घेराव में रहेंगे और उनसे सीधे मुलाकात करना पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मुश्किल होगा। प्रशासन का कहना है कि यह कदम पूरी तरह एहतियात के तौर पर उठाया गया है, ताकि किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।
खुफिया इनपुट के बाद लिया गया फैसला
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में खुफिया एजेंसियों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कुछ संवेदनशील जानकारियां साझा की थीं। इन इनपुट को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री के चारों ओर तैनात एसएसबी जवानों के सुरक्षा घेराव को और मजबूत किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय परिसर के आसपास भी अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि मुख्यमंत्री राज्य के सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जा सकती। यही कारण है कि सुरक्षा व्यवस्था की हर स्तर पर समीक्षा कर उसे और मजबूत किया गया है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात अब होगी सीमित
सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने वालों की संख्या और दायरा सीमित कर दिया गया है। अब केवल पूर्व निर्धारित सूची में शामिल और सुरक्षा जांच से गुजरने वाले लोग ही मुख्यमंत्री के पास जा सकेंगे। अनावश्यक भीड़ और बिना अनुमति पहुंचने वालों पर पूरी तरह रोक रहेगी। मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय परिसर में प्रवेश के नियम भी पहले से अधिक सख्त किए गए हैं। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की गहन जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि किसी भी तरह का जोखिम न लिया जाए।
दौरे के दौरान भी रहेगी कड़ी निगरानी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अन्य जिलों के दौरों को देखते हुए भी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है। राज्य के सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जब भी मुख्यमंत्री किसी जिले में दौरे पर जाएंगे, वहां पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक इंतजाम किया जाएगा। मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा, मार्ग की निगरानी, कार्यक्रम स्थलों पर प्रवेश व्यवस्था और आसपास के इलाकों की चेकिंग को लेकर पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन का मानना है कि दौरे के दौरान सुरक्षा में जरा सी भी ढिलाई बड़ा खतरा बन सकती है, इसलिए हर पहलू पर नजर रखी जा रही है।
पाकिस्तानी डॉन की धमकी से बढ़ी चिंता
मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ाए जाने की एक बड़ी वजह हाल ही में सामने आई धमकी को भी माना जा रहा है। दो दिन पहले पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकी दी थी। इस वीडियो के सामने आने के बाद बिहार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शहजाद भट्टी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। शहजाद भट्टी ने वीडियो में मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कही थी और चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं होने पर संबंधित संस्थानों को कार्रवाई करनी चाहिए। इस बयान के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं और पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया।
शहजाद भट्टी पहले भी विवादों में रहा है
बताया जा रहा है कि शहजाद भट्टी पहले भी अपने बयानों और धमकियों को लेकर सुर्खियों में रहा है। हाल ही में उसने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को भी धमकी दी थी। इसी के बाद लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने दिल्ली की अदालत में अपनी जान को खतरा बताते हुए बुलेटप्रूफ जैकेट और बुलेटप्रूफ वाहन की मांग की थी। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाया जा रहा है।
विवादित कार्यक्रम से जुड़ा मामला
पूरे घटनाक्रम को 15 दिसंबर को बिहार में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से भी जोड़ा जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इसी दौरान एक महिला डॉक्टर हिजाब पहनकर मंच पर पहुंची थीं। मुख्यमंत्री ने हिजाब की ओर इशारा करते हुए सवाल किया और कथित तौर पर अपने हाथ से हिजाब हटा दिया। इस घटना के बाद महिला कुछ देर के लिए असहज हो गई थीं। मंच पर मौजूद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री को रोकने का प्रयास करते हुए भी नजर आए। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में विवाद शुरू हो गया।
देशभर में जारी है राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ दलों ने इसे असंवेदनशील व्यवहार बताया तो वहीं कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री का बचाव भी किया। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। इसी विवाद के बाद सामने आई धमकी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कड़े कदम उठाए हैं।
प्रशासन का भरोसा और संदेश
राज्य प्रशासन ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं और हर संभावित खतरे पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का मानना है कि सख्त सुरक्षा व्यवस्था से न सिर्फ मुख्यमंत्री सुरक्षित रहेंगे, बल्कि किसी भी अफवाह या डर की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा। फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कड़े पहरे में अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे और राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर पूरा ध्यान रहेगा।


