नागालैंड दौरे पर जयप्रकाश नारायण की जयंती में शामिल हुए सीएम नीतीश, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

पटना। आज लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 120वीं जयंती है। आज ही बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जेपी के गांव सिताबदियारा पहुंचे। वहीं जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार नागालैंड के दीमापुर पहुंचे। जहां वो लोकनायक की जयंती को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। नागालैंड में जेपी जयंती के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम को सीएम पटना लौटेंगे और यहां वो बापू सभागार में ‘जेपी की कहानी सीएम की जुबानी’ कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
पटना और नागालैंड में होगा एक-एक कार्यक्रम
इस सम्मेलन का आयोजन बिहारी समाज, भोजपुरी समाज, बिहारी कल्याण समिति, मैत्री फाउंडेशन, नागालैंड और जेडीयू की नागालैंड इकाई की ओर से संयुक्त रूप से लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 120 वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया। जहां बिहार से सीएम नीतीश कुमार के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जेडीयू के कई अन्य नेता भी शिरकत किए। जेडीयू आज नागालैंड और पटना में एक-एक कार्यक्रम कर रही है। दोनों कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित रहेंगे। आज ही इन दोनों कार्यक्रम में शामिल होकर नीतीश ये संदेश देना चाहते हैं कि वही जेपी के असली अनुयायी हैं और उनके नक्शे कदम पर चलकर उन्होंने बिहार में काम किया है।
जेपी जयंती के बहाने सियासत चमकाने में जुटे सीएम नीतीश
नीतीश कुमार और ललन सिंह का नागालैंड में जेपी का जयंती मनाना आने वाले चुनाव के मद्देनजर देखा जा रहा है। हालांकि अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जेडीयू के टूटने के बाद नीतीश कुमार का यह पहला दौरा होगा। 2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव होना है। पिछली बार नागालैंड में जेडीयू ने एक सीट जीती थी, हालांकि बाद में जेडीयू के विधायक ने अपना पाला बदल लिया था। आपके बता दें कि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में जेडीयू का बेहतर प्रदर्शन रहा है। इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेपी के कर्म क्षेत्र नागालैंड में ही उनकी जयंती मनाएंगे। नागालैंड में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राजनीतिक जानकार नीतीश कुमार के इस दौरे को सियासी चश्में से देख रहे हैं। वहीं, ललन सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि जदयू नागालैंड में केवल जेपी की जयंती मनाने के लिए जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएम के नागालैंड दौरे को किसी राजनीतिक चश्में से देखने की कोई जरूरत नहीं है।

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