BIHAR: मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से शहर-गाँव के बीच कम हुई दूरियां, 12 हजार से अधिक लोगों को मिला रोजगार

PATNA: परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक सोमवार को परिवहन विभाग मंत्री संतोष कुमार निराला की अध्यक्षता में विश्वश्रैया भवन में हुई। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, राजस्व, ई चालानिंग, परमिट, ट्रेड सर्टिफिकेट, इंट्री टैक्स पॉल्यूशन, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट-ड्राइविंग लाईसेंस, सड़क सुरक्षा आदि एक-एक योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। श्री निराला ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना है। लक्षित टारगेट को पूरा करना है। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में बेहतर कार्य करने वाले पांच जिले जमुई के जिला परिवहन पदाधिकारी रवि कुमार, कटिहार अर्जुन प्रताप चंद्रा, पूर्णिया विकास कुमार, पश्चिमी चंपारण राजेश कुमार सिंह और सुपौल के जिला परिवहन पदाधिकारी रजनीश लाल को परिवहन विभाग मंत्री और परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सम्मानित किया। इन जिलों द्वारा लक्ष्य के विरूद्ध 50 से 61 फीसदी तक उपलब्धि प्राप्त किया गया है। तीन चरणों में अब तक कुल 12 हजार से अधिक लाभुकों को मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ दिलाया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना जे तहत जमुई में 469, पूर्णिया में 694, कटिहार में 643, पश्चिमी चंपारण में 792 और सुपौल में 450 लाभुकों को अब तक लाभ दिलाया गया है। परिवहन विभाग सचिव श्री संजय कमार अग्रवाल ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। योजनाओं में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सब्सिडी का भुगतान समय पर हो जाये यह जिम्मेवारी डीटीओ की है। उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में गति लाने के लिए दो-दो प्रखंड एमवीआई को दिया जाय। उन प्रखंडों के प्रभारी एमवीआई रहेंगें। जिन जिलों में बेहतर प्रदर्शन नहीं रहा वैसे जिलों को चिन्हित कर संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। 31 मार्च 2020 तक लक्ष्य को पूरा करना है। चौथे चरण का विज्ञापन बहुत जल्द निकाला जाएगा। जिन पंचायतों में आवेदन नहीं आए हैं उनके लिए रिक्तियां निकाली जाएगी।

परिवहन सचिव श्री अग्रवाल ने बताया कि आम लोगों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। अगले माह से ट्रेड सर्टिफिकेट भी ऑनलाइन दिया जाएगा। वहीं बिहार से बाहर अन्य राज्यों में वाहन का उपयोग करने के लिए अब वाहन मालिक को बार-बार डीटीओ कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। घर बैठे ही ऑनलाइन एनओसी के लिए अपना आवेदन दे सकते हैं। यह प्रक्रिया अब शुरू हो गई। परिवहन सचिव ने बताया कि अब ऑफलाइन पॉल्यूशन जांच सर्टिफिकेट नहीं जारी किया जाएगा। पेट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और अन्य जगहों पर अधिक से अधिक पॉल्यूशन जांच सेंटर खोलवाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया। उन्होंने राज्य में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई को हर दिन कम से कम 10 हेलमेट जांच का निर्देश दिया गया । उन्होंने कहा कि नया मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 एक सितंबर से लागू किया गया है। हेलमेट और सीट बेल्ट जांच पर अभियान को मुख्य रुप से फोकस करें। इस मौके पर राज्य परिवहन आयुक्त श्रीमती सीमा त्रिपाठी, संयुक्त सचिव पंकज कुमार, उपसचिव शैलेंद्रनाथ, ओएसडी आजीव वत्सराज, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और एसडीओ, बीडीओ आदि उपस्थित थे।

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