CM नीतीश ने प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव ‘कलरव’ का किया उद्घाटन, यहां के पहाड़ 2 से लेकर 10 करोड़ साल तक हैं पुराने

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमुई जिले के नागी-नकटी पक्षी आश्रयनी में प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव कलरव का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 15 से 17 जनवरी तक चलने वाले इस प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव के अवसर पर आयोजित जनसभा में विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पौधा एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया। डीएम अवनीश कुमार सिंह ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नागी-नकटी पक्षी अभ्यारण्य के कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। उद्घाटन के मौके पर लोक गायिका सुश्री मैथिली ठाकुर ने लोक गीत की प्रस्तुति दी।
पर्यावरण के दृष्टिकोण से सुन्दर और महत्वपूर्ण जगह
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हम यहां कभी नहीं आये थे। पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह काफी सुन्दर और महत्वपूर्ण जगह है। नागी-नकटी पक्षी आश्रयणी में बड़ी संख्या में पक्षी का निवास होता है। सर्दियों के मौसम में विदेशों से काफी तादाद में पक्षी आते हैं। आज हमने नागी डैम में नौका से परिभ्रमण कर एक से एक सुन्दर पक्षी को देखा। राज्य पक्षी महोत्सव का आयोजन पहली बार हुआ है। कुछ दिनों पहले सचिवालय परिसर स्थित तालाब के परिभ्रमण के दौरान बड़ी संख्या में पक्षी को देखने का मौका मिला। महाराष्ट्र सहित देश के अलग-अलग जगहों से पक्षी विशेषज्ञ यहां आये हुये हैं, जो पक्षियों के विषय में लोगों को विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं।
बिहार का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत
नई पीढ़ी से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से भी वृक्षारोपण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। झारखंड से अलग होने के बाद बिहार में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था। हमलोगों ने वर्ष 2012 से ही सघन वृक्षारोपण करना प्रारंभ किया, जिसका परिणाम है कि आज बिहार का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है।


यहां के पहाड़ 2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ साल तक पुराने
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है। वह चाहे मनुष्य का जीवन हो या पशु-पक्षी का। हरियाली को और अधिक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह के आयोजन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही पर्यावरण के प्रति नई पीढ़ी में जागृति आयेगी और उनका ज्ञानवर्द्धन भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के पर्वतों को देखकर मुझे काफी खुशी हुई है। यहां के पहाड़ 2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ साल तक पुराने हैं इसलिये यह पौराणिक और ऐतिहासिक जगह है। नई पीढ़ी को इसके बारे में जानना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष करना चाहिये ताकि लोग प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि हम अचानक फिर कभी यहां आकर इन चीजों को देखेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि एक स्थान से लगातार 13 दिनों तक उड़ते हुए पक्षी दूसरे स्थान तक पहुंचते हैं और जब उन्हें वहां अच्छा लगता है तब वे प्रतिवर्ष वहां प्रवास करने को पहुंचते हैं।
पक्षी संचेतना केन्द्र का उद्घाटन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट का अनावरण कर पक्षी संचेतना केन्द्र का उद्घाटन किया। इस दौरान पक्षी संचेतना केन्द्र में लगी फोटो गैलरी का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। पक्षी संचेतना केन्द्र में लगी इंट्रैक्टिव टच कियोस्क, मैजिक बॉक्स, डिजिटल फिलीप बुक आदि के बारे में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी। टेलिस्कोप के जरिये नागी डैम में कलरव कर रही पक्षियों के विहंगम दृश्य को भी मुख्यमंत्री ने देखा। इस दौरान पक्षी विशेषज्ञों की टीम ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रवासी पक्षी टीकटीकी का डेमोंस्ट्रेशन किया। डेमोंस्ट्रेशन के क्रम में मुख्यमंत्री ने टिकटीकी पक्षी को उड़ाकर पक्षियों को संरक्षित रखने का संदेश दिया। नागी डैम के किनारे लगी सेल्फी प्वाइंट के विषय में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी। सेल्फी प्वाइंट पर मुख्यमंत्री सहित उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने सामूहिक फोटो खिंचवाई। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने नौका के जरिये नागी डैम का मुआयना किया। साथ ही प्रथम राज्य पक्षी महोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल रैली को रवाना किया।
पशु-पक्षियों की सुरक्षा के संबंध में संदेश दें
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव को लेकर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विस्तृत रूप से इंतजाम किया गया है। विभिन्न हिस्सों से पक्षी विशेषज्ञों की टीम यहां पहुंची है, जो लोगों को पक्षियों के विषय में गाइड कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां की तरह ही बिहार में चार-पांच ऐसी जगहें हैं, उन सभी जगहों पर भी इस तरह का काम आगे के वर्षों में किया जायेगा। आज के इस महोत्सव का मकसद पशु-पक्षियों की सुरक्षा के संबंध में संदेश देना भी है।

जनसभा को उप मुख्यमंत्री सह पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक दामोदर राउत, विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी, विधायक मेवालाल चैधरी, आयुक्त मुंगेर प्रमंडल वंदना किन्नी, मुख्य वन प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, डीआईजी शफीउल हक, जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल, मुख्य वन संरक्षक सुरेन्द्र सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यजीत कुमार, बॉॅम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के प्रतिनिधिगण, पक्षी विशेषज्ञ सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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