दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले चिराग पासवान, बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए सौंपा पत्र

पटना। चिराग पासवान ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर एक पत्र सौंपा है। इस पत्र के माध्यम से चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि बिहार में कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में बालू माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया तथा अपराधी सरकार संरक्षित हैं और खुलकर अपनी गतिविधि चला रहे हैं। इस स्थिति ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। ऐसे में बिहार में अविलंब हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। चिराग पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में लिखा है कि बिहार में उत्पन्न अराजक स्थिति से लोग भयाक्रांत हैं। एक ओर जहां लगातार बढ़ रही अपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक संरक्षण में बेची जा रही जहरीली शराब से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इन घटनाओं से बिहार में चीख पुकार मची हुई है और राज्य सरकार निष्क्रिय बनी मूकदर्शक की भूमिका में है। विगत 17 दिसम्बर को मेरे नेतृत्व में लोजपा (रामविलास ) का एक प्रतिनिधि मंडल महामहिम राज्यपाल बिहार फागू चौहान से मिलकर उन्हें राज्य में उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारी पार्टी ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतु उनसे अनुशंसा का अनुरोध भी किया। उन्होंने आगे लिखा पिछले दिनों सारण जिले में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जान चली गयी। इस मामले में भी सरकार तथ्य छिपा रही है।

वही मृतकों की संख्या 150 से अधिक है ओर ये सभी गरीब एवं कमजोर वर्ग के हैं। मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के साथ पीड़ित परिवार से मिला। इस दौरान लोगों ने बताया कि प्रशासनिक संरक्षण में शराब की सहज उपलब्धता उस क्षेत्र में हैं। जिले के मशरख थाना क्षेत्र से जब्त स्पिरिट का गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। आज जो बिहार की स्थिति है उसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां कानून का राज समाप्त हो गया है। राज्य में बालू माफिया, शराब माफिया, भू-माफिया तथा अपराधी सरकार संरक्षित हैं और खुलकर अपनी गतिविधि चला रहे हैं। इस स्थिति ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। राज्य में सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। अनुसूचित जाति- जनजाति के लोगों की हर रोज हत्याएं की जा रही हैं। महिला हिंसा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इस कारण बिहार में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

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