मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत मुंगेर के दो बच्चे अहमदाबाद गए, निशुल्क होगा हृदय का ऑपरेशन

मुंगेर। बिहार के मुंगेर में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत जिला के दो बच्चों को निशुल्क ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद गुजरात भेजा गया है। इसकी जानकारी जिला में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर डॉक्टर बिंदू ने दी है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत जन्मजात बीमारी ग्रसित बच्चों को चिह्नित कर उनका उनका निशुल्क इलाज सुनिश्चित कराया जाता है। इसके लिए जिला भर के सभी प्रखंडों में आरबीएसके की टीम कार्य करती है। बिहार सरकार के द्वारा जन्मजात बीमारी में से एक हृदय में छेद से ग्रसित बच्चों के निशुल्क इलाज और ऑपरेशन के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्म लेने वाले बच्चों के निशुल्क ऑपरेशन के लिए हवाई जहाज या ट्रेन के द्वारा गुजरात के अहमदाबाद में स्थित श्री सत्य साई हृदय रोग अस्पताल भेजा जाता है। इससे पूर्व पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान या इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में हृदय रोग कि स्क्रीनिंग के लिए एंबुलेंस से अभिभावक के साथ बच्चों को भेजा जाता है। स्क्रीनिंग में यह तय हो जाने के बाद कि बच्चे के हृदय का ऑपरेशन किया जाना आवश्यक है। बच्चों को ऑपरेशन के लिए उनके अभिभावक के साथ एंबुलेंस से पटना एयरपोर्ट और फिर वहां से हवाई जहाज के द्वारा अहमदाबाद भेजा जाता है। इस दौरान यात्रा, इलाज और ऑपरेशन का पूरा खर्च निशुल्क होता है। इस दौरान होने वाले सभी खर्चे का निर्वहन सरकार के द्वारा किया जाता है। सदर अस्पताल मुंगेर परिसर स्थित डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) में डिस्ट्रिक्ट इंटरवेंशनिस्ट सह स्पेशल एजुकेटर के पद पर कार्यरत निशांत कुमार ने बताया कि मुंगेर जिला के असरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत लखनपुर गांव निवासी मोहम्मद अली हसन और शबाना खातून की 3 वर्षीया बच्ची अलीशा खातून जन्म से ही हृदय रोग से ग्रसित है। इसको मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत निशुल्क ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद गुजरात में स्थित श्री सत्य साई हृदय रोग अस्पताल भेजा गया है। अहमदाबाद में बच्चों का सफल ऑपरेशन हो जाने और हवाई जहाज से पटना लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट से बच्चों को उनके घर तक एंबुलेस से पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चों का सफल ऑपरेशन के बाद घर लौटने के बाद भी कुछ महीनों तक वो लोग लगातार माॅनीटरिंग करते हैं और इस दौरान किसी तरह की परेशानी होने पर इनका बेहतर इलाज किया जाता है।

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