नालंदा में नदी में डूबने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

नालंदा। नालंदा जिले के तेलमर थाना क्षेत्र के मोहनखंधा गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जब नोनहीया नदी में डूबने से दो बच्चियों की मौत हो गई। यह हृदयविदारक घटना उस समय हुई जब दोनों बच्चियां नदी किनारे शौच के लिए गई थीं। अचानक पैर फिसलने के कारण वे नदी में गिर गईं और डूब गईं। मृतक बच्चियों की पहचान सोनेलाल पासवान की 6 वर्षीय बेटी ब्यूटी कुमारी और चंदन पासवान की 10 वर्षीय बेटी करिश्मा कुमारी के रूप में हुई है। रविवार शाम को जब यह हादसा हुआ, तो स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन बच्चियों को ढूंढने में वे असफल रहे। इसके बाद पुलिस और प्रशासन को सूचित किया गया, जिन्होंने गोताखोरों और आपदा मित्रों की टीम को मौके पर भेजा। रात भर चले इस बचाव अभियान में गोताखोरों ने अथक प्रयास किया, लेकिन बच्चियों का कोई पता नहीं चला। आखिरकार, लगभग 12 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद, सोमवार सुबह दोनों बच्चियों के शव नदी से बरामद किए गए। इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। घटना की जानकारी मिलते ही तेलमर थाना अध्यक्ष शत्रुघ्न शाह ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और परिवारों को सांत्वना देने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया। जिला परिषद सदस्य कमलेश पासवान और स्थानीय मुखिया हरि नारायण सिंह ने मृतक बच्चियों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से मिलने वाली आपदा राहत सहायता जल्द से जल्द परिवारों को मुहैया कराई जाएगी। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। परिवार के सदस्य और गांव के लोग इस दुखद घटना से सदमे में हैं। बच्चियों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी इस दर्दनाक हादसे से गहरे सदमे में हैं। इस घटना ने एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की ओर ध्यान आकर्षित किया है। अगर नदी किनारे बुनियादी सुरक्षा उपाय होते, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। इस दुखद घटना ने प्रशासन और समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो। आशा है कि इस घटना के बाद प्रशासन जरूरी कदम उठाएगा, जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित रह सकें। फिलहाल, पूरा गांव इस दुख की घड़ी में एकजुट होकर पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है, और सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस दर्दनाक घटना से प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी।
