पटना में दादा के अंतिम संस्कार में गया बच्चा डूबा, एनडीआरएफ ने बरामद किया शव
पटना। जिले के पालीगंज प्रखंड के बसंतबिगहा गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां एक 10 वर्षीय बच्चा नदी में डूब गया। यह घटना तब हुई जब परिवार अपने दादा के अंतिम संस्कार के लिए पुनपुन नदी के किनारे इकट्ठा हुआ था। रविवार की दोपहर से लापता यह बच्चा सोमवार सुबह मृत अवस्था में मिला।
घटना की शुरुआत और लापता होने की जानकारी
मृतक बच्चे का नाम रोशन कुमार है, जो सुनील पाल का बेटा था। परिवार दादा रामसेवक भगत के अंतिम संस्कार के लिए पुनपुन नदी किनारे पहुंचा था। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवार के कई सदस्य नदी में स्नान करने उतरे। इसी दौरान रोशन भी पानी में गया। लेकिन इस समय नदी का बहाव काफी तेज था और पानी का स्तर भी अधिक था। अचानक वह गहरे पानी में चला गया और बहाव में बहने लगा।
बचाव के प्रयास और पुलिस की भूमिका
जब आसपास के लोगों ने रोशन को डूबते देखा तो उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की। लेकिन तेज धारा और गहराई के कारण प्रयास सफल नहीं हो सका। तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही सिगोरी थाना की पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत खोज अभियान शुरू किया।
रात भर चला खोज अभियान
एसडीआरएफ की टीम ने लगभग 20 घंटे तक लगातार तलाश की। रविवार शाम से शुरू हुई खोज रातभर जारी रही। लेकिन नदी के तेज बहाव और गहराई के कारण शव मिलना कठिन हो गया। अंततः सोमवार सुबह करीब एक किलोमीटर दूर नदी किनारे बच्चे का शव बरामद हुआ। शव मिलने के बाद परिवार के लोगों ने उसकी पहचान की और पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की।
शव को भेजा गया पोस्टमॉर्टम के लिए
पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। सिगोरी थानाध्यक्ष प्रमोद साह ने जानकारी दी कि रविवार को सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एसडीआरएफ टीम को सूचित किया था। पूरी रात खोजबीन के बाद सोमवार सुबह शव मिला।
परिवार में मातम और कानूनी कार्रवाई
इस घटना से पूरा परिवार शोक में है। जिस अवसर पर परिवार अपने बुजुर्ग सदस्य को विदाई देने आया था, उसी दिन एक मासूम की जान भी चली गई। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस दुखद घटना ने एक बार फिर से नदी किनारे सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज बहाव वाली नदियों में स्नान या अन्य गतिविधियों के दौरान विशेष सावधानी बरतना जरूरी है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।


