मुख्यमंत्री ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से की मुलाकात, 50 मिनट तक चली बातचीत

पटना। सीएम नीतीश कुमार बुधवार को अचानक राजपाल से मिलने राजभवन पहुंच गए। सीएम के साथ वित्त विभाग के मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद हैं। बिहार के सीएम उस समय राजभवन पहुंचे हैं जब बिहार की सियासत में हलचल काफी बढ़ी हुई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर से अपना गठबंधन बदल सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा काफी सुर्ख़ियों में हैं की क्या सीएम वापस से भाजपा के साथ जा सकते हैं। ऐसे में अब उनका राज्यपाल से अचानक मुलाक़ात को लेकर कई सियासी सवाल आ रहे हैं। हालांकि, इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि ऐसी कोई भी बात नहीं है सबकुछ सही है और हमलोग एक साथ चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन, पिछले दिनों राजद के मंत्री के विभाग बदलने के बाद उनके ही एक करीबी मंत्री ने यह भो कहा था कि- कुछ हिसाब किताब आप लोग भी लगाइए। इसके पहले नीतीश कुमार और राज्यपाल एक अन्य कार्यक्रम में एक साथ मंचासीन थे। मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित राजकीय कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई अन्य मंत्री शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार और राज्यपाल के बीच बातचीत भी हुई। उसके बाद नीतीश कुमार वहां से से राजभवन के लिए रवाना हो गए। उनके साथ ही विजय चौधरी को लेकर जाने से कई तरह की बातें होने लगी हैं। कयासबाजियों का दौर जारी है कि किन वजहों से वे राजभवन गए हैं। सीएम नीतीश के राजभवन जाने के पीछे क्या करण है इस पर सरकार या जदयू की ओर से कोई कुछ नहीं बोल रहा है। सीएम और राज्यपाल की मुलाकात करीब 50 मिनट तक चली। उनके साथ संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद सीएम राजभवन से निकल गए। उन्होंने पत्रकारों से बात नहीं की। राजभवन जाने से पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गांधी मैदान में एक साथ थे। तीनों ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। कार्यक्रम के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने राजभवन गए। उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नहीं थे।

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