December 4, 2025

नियोजित शिक्षक बिना बीपीएससी परीक्षा के बनेंगे सरकारी शिक्षक, विधानसभा में मुख्यमंत्री ने की घोषणा

  • राज्यपाल की अभिभाषण पर मुख्यमंत्री ने की चर्चा, बिहार सरकार के विकास कार्यों की जानकारी

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन कई महत्वपूर्ण फैसलों और ऐलानों का गवाह बना। गुरुवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा और लंबे समय से प्रतीक्षित निर्णय घोषित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब राज्य के नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी की परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर वे एक सरल परीक्षा देकर सरकारी शिक्षक बन सकेंगे। इस घोषणा को सदन में बैठे विधायकों और शिक्षकों के बीच बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की समस्याओं, उनकी सेवा शर्तों और वर्षों से चल रही मांगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह कदम शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा और शिक्षकों के मन में चल रहे असमंजस को पूरी तरह समाप्त करेगा।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और सदन का माहौल
आज सदन में मुख्यमंत्री के अलावा सभी मंत्री और अधिकांश विधायक उपस्थित थे। हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में अनुपस्थित रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण में बताई गई प्राथमिकताओं का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिहार के विकास की दिशा को स्पष्ट रूप से चिन्हित करता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, कानून व्यवस्था और रोजगार जैसे क्षेत्रों में निरंतर काम किया है और आगे भी इसी गति से कार्य जारी रखने का लक्ष्य है।
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार: राज्य में अब 12 मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में आए बदलावों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कभी बिहार में केवल 6 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, लेकिन अब राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाकी बचे 27 जिलों में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं और कार्य तेजी से प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति पहले बहुत खराब थी, लेकिन आज वहां प्रतिमाह औसतन 11,600 मरीज इलाज करवाने पहुँच रहे हैं। यह दर्शाता है कि जमीन पर स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है। नीतीश कुमार के अनुसार, पीएमसीएच और आईजीआईएमएस को भी बड़े मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। पीएमसीएच को 5,400 बेड का सुपर स्पेशलिटी संस्थान बनाया जा रहा है। पाँच पुराने मेडिकल कॉलेजों की क्षमता बढ़ाकर ढाई हजार बेड की जा रही है। आईजीआईएमएस को तीन हजार बेड वाला संस्थान बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लोगों को इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सड़क और पुल निर्माण में मिला बड़ा विस्तार
सीएम नीतीश कुमार ने सड़क एवं पुल निर्माण के क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर इलाकों से पटना आने में पहले पूरा दिन लगता था, लेकिन 2016 तक सरकार ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया कि कोई भी व्यक्ति अपने जिले से 6 घंटे में राजधानी पहुंच सके। वर्तमान में कई क्षेत्रों से 5 घंटे में पटना पहुँचना संभव हो चुका है और राज्य सरकार इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि मजबूत सड़क नेटवर्क ही विकास की गति को सुनिश्चित करता है और इस दिशा में बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
कानून व्यवस्था पर सरकार का जोर: नहीं हुआ कोई बड़ा सांप्रदायिक तनाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए की सरकार के गठन के बाद से राज्य में कानून का राज कायम है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में मिली भारी बहुमत के लिए जनता का आभार जताया और कहा कि बिहार की जनता ने विकास और शांति के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने कहा कि कभी बिहार में हिंदू-मुस्लिम तनाव आम बात थी, लेकिन 2006 से सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कब्रिस्तान और मंदिरों की घेराबंदी का काम शुरू किया था। इसका असर यह हुआ कि पिछले कई वर्षों में राज्य में कोई बड़ा सांप्रदायिक बवाल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि समाज में शांति और सद्भाव राज्य के विकास की पहली शर्त है और सरकार इसी नीति पर आगे बढ़ रही है।
शिक्षा और रोजगार पर भी दिया जोर
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल रोजगार और शिक्षा संबंधी योजनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को रोजगार देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। नई शिक्षक नीति, मेडिकल कॉलेजों का विस्तार, तकनीकी शिक्षा का सुदृढ़ीकरण और कुशल युवा कार्यक्रम जैसी योजनाएँ युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
सरकार राज्य को विकास, शांति और शिक्षा के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
अपने समापन भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य को विकास, शांति और शिक्षा के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वे मिलकर बिहार को आगे ले जाने में योगदान दें। नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी परीक्षा से छूट देने का फैसला इस सत्र की सबसे बड़ी घोषणा के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसने राज्यभर के लाखों शिक्षकों को राहत दी है। यह फैसला आने वाले दिनों में बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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