December 17, 2025

मुख्यमंत्री ने आज बुलाई कैबिनेट की बैठक: विभागीय मंत्री और अधिकारी रहेंगे मौजूद, कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर

पटना। बिहार की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में आज की कैबिनेट बैठक को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की अहम बैठक बुलाई है, जो मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में सुबह 11.30 बजे शुरू होगी। इस बैठक में राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है, जिन पर अंतिम मुहर भी लग सकती है। खासतौर पर नौकरी, रोजगार, प्रशासनिक सुधार और विकास योजनाओं से जुड़े फैसलों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
नई सरकार की तीसरी कैबिनेट बैठक
नई सरकार के गठन के बाद यह तीसरी कैबिनेट बैठक होगी। इस कारण भी इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में राज्य सरकार के सभी विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। सरकार की कोशिश है कि विकास कार्यों को गति दी जाए और आम जनता, खासकर युवाओं से जुड़े मुद्दों पर ठोस निर्णय लिए जाएं।
पिछले कैबिनेट फैसलों की पृष्ठभूमि
इससे पहले 9 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने कुल 19 एजेंडों को मंजूरी दी थी। उस बैठक में एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति दी गई थी। पहले बिहार सरकार के अंतर्गत 45 विभाग कार्यरत थे, लेकिन नए विभाग बनने के बाद अब कुल विभागों की संख्या 48 हो गई है। इसे प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना गया।
नए विभागों से प्रशासनिक सुधार की उम्मीद
पिछली बैठक में जिन तीन नए विभागों का गठन किया गया, उनमें युवाओं, रोजगार और कौशल विकास से जुड़े विभागों को विशेष महत्व दिया गया। पहले ये विषय श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत आते थे, लेकिन अब इन्हें स्वतंत्र रूप से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। सरकार का मानना है कि अलग विभाग बनने से नीतियों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और रोजगार से जुड़े कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा।
रोजगार और कौशल विकास पर फोकस
सरकार का फोकस अब साफ तौर पर युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ने पर है। नए विभाग के गठन के बाद कौशल विकास से जुड़ी योजनाओं में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया था। बिहार में भी उसी तर्ज पर अब कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
कौशल विश्वविद्यालय और नई योजनाओं की संभावना
बिहार में लंबे समय से कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की बात कही जाती रही है, लेकिन अब तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। नए विभाग के गठन के बाद इस दिशा में ठोस पहल होने की उम्मीद की जा रही है। सरकार राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए नई-नई योजनाएं शुरू कर सकती है, जिससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
शिक्षा व्यवस्था में संभावित बदलाव
अब तक बिहार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का पूरा दायित्व शिक्षा विभाग के पास था। जबकि अन्य कई राज्यों और बिहार से अलग हुए झारखंड में भी उच्च शिक्षा के लिए अलग विभाग है। नई प्रशासनिक संरचना के बाद उच्च शिक्षा को लेकर भी अलग विभागीय व्यवस्था और नई नीतियां सामने आ सकती हैं। इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और प्रबंधन में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जुड़े फैसले
पिछली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला लिया था। इस निर्णय से लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारियों को राहत मिली थी। माना जा रहा है कि आज की बैठक में भी कर्मचारियों से जुड़े कुछ और प्रस्तावों पर विचार हो सकता है।
विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम पर चर्चा संभव
राज्य के युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सरकार विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से चलाया जाएगा। इस योजना के तहत छात्रों को आधुनिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे रोजगार के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।
प्रशासनिक सख्ती का संकेत
पिछली कैबिनेट बैठक में सरकार ने एक सख्त फैसला लेते हुए खाद निगम के तत्कालीन जिला प्रबंधक सुधीर कुमार को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी दी थी। इसे प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही के संकेत के रूप में देखा गया। आज की बैठक में भी ऐसे मामलों पर सरकार की सख्ती देखने को मिल सकती है।
आज की बैठक से बड़ी उम्मीदें
आज होने वाली कैबिनेट बैठक से राज्य सरकार के कई अहम फैसलों की उम्मीद की जा रही है। रोजगार, कौशल विकास, शिक्षा, प्रशासनिक सुधार और विकास योजनाओं को लेकर सरकार ठोस कदम उठा सकती है। बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि राज्य सरकार किन प्रस्तावों पर मुहर लगाती है, लेकिन फिलहाल बिहार की जनता की निगाहें इस महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हुई हैं।

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