रेलवे के टिकट बुकिंग सिस्टम में 1 मई कई बदलाव, यात्रा पर पड़ेगा असर, साथ में आईडी प्रूफ रखना अनिवार्य

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे, जिसे देश की जीवनरेखा कहा जाता है, यात्रियों की सुविधा और व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार कदम उठाता रहता है। इसी क्रम में रेलवे ने 1 मई 2025 से टिकट बुकिंग प्रक्रिया में कई अहम बदलावों की घोषणा की है। इन नए नियमों का सीधा असर यात्रियों की यात्रा और टिकट बुकिंग अनुभव पर पड़ेगा।
वेटिंग टिकट पर नया नियम
रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब यदि किसी यात्री का टिकट वेटिंग लिस्ट में है, तो वह स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर सकेगा। वेटिंग टिकट रखने वाले यात्रियों को केवल जनरल (अनरिजर्व्ड) कोच में यात्रा करने की अनुमति होगी। यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ आरक्षित डिब्बों में यात्रा करते हुए पकड़ा गया, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा या उसे ट्रेन से उतारा भी जा सकता है। इस फैसले का उद्देश्य आरक्षित कोच में अव्यवस्था को रोकना और वास्तविक टिकटधारकों को सुविधा प्रदान करना है।
एडवांस रिजर्वेशन पीरियड में कटौती
रेलवे ने एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को भी घटा दिया है। पहले यात्री 120 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते थे, लेकिन अब यह अवधि घटाकर 60 दिन कर दी गई है। यानी अब कोई भी यात्री अपनी यात्रा से अधिकतम 60 दिन पहले ही टिकट बुक कर सकेगा। इस बदलाव से असली यात्रियों को टिकट मिलने में आसानी होगी और टिकटों की कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सकेगी। इससे टिकट एजेंटों द्वारा बड़े पैमाने पर टिकट बुक कर उन्हें महंगे दामों पर बेचने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा।
यात्रा के दौरान आईडी प्रूफ रखना अनिवार्य
नई व्यवस्था के अनुसार अब टिकट बुकिंग के समय जिस पहचान पत्र (आईडी प्रूफ) का विवरण दर्ज किया गया है, यात्रा के दौरान वही मूल पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा। यदि यात्री यात्रा के समय दर्ज पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर सका, तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है या यात्रा से रोका भी जा सकता है। यह नियम यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने और उनकी सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।
रेलवे का उद्देश्य और यात्रियों पर प्रभाव
रेलवे द्वारा किए गए इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है। इसके अलावा वेटिंग लिस्ट का दबाव कम करना, कोचों में भीड़भाड़ को नियंत्रित करना, टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना और एजेंटों द्वारा होने वाली धांधलियों पर प्रभावी तरीके से रोक लगाना भी रेलवे का लक्ष्य है। यात्रियों को इससे एक अधिक सुविधाजनक और व्यवस्थित यात्रा अनुभव मिलने की उम्मीद है। भारतीय रेलवे के ये नए नियम यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि शुरुआती दौर में यात्रियों को कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन लंबे समय में इन बदलावों से यात्रा का अनुभव अधिक सुरक्षित और सहज होगा। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे टिकट बुकिंग और यात्रा से जुड़े नए नियमों को ध्यान से पढ़ें और उसका पालन करें, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
